KKN गुरुग्राम डेस्क | चीन, म्यांमार, थाईलैंड और भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। पहला भूकंप दोपहर 12:50 बजे आया, जिसकी तीव्रता 7.7 मापी गई। इसके 12 मिनट बाद एक और भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 6.4 थी। इस भूकंप ने इन देशों में भारी तबाही मचाई है, और म्यांमार में स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर हो गई है। यहां भूकंप से मलबे में दबने से हजारों लोग घायल हुए हैं और बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं।
Article Contents
इस लेख में हम म्यांमार, थाईलैंड और भारत में हुए इस भूकंप के प्रभाव, राहत और बचाव कार्यों और मृतकों की संख्या के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।
भूकंप का प्रभाव: म्यांमार और थाईलैंड में तबाही
म्यांमार और थाईलैंड में आए इस भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। भूकंप का केंद्र सागिंग (Myanmar) के पास था, और इसकी गहराई भी काफी अधिक थी। भूकंप के बाद, थाईलैंड और म्यांमार में कई भवन गिर गए और सड़कें, पुल और अन्य संरचनाएं ध्वस्त हो गईं। इन घटनाओं ने इन देशों के नागरिकों को बहुत प्रभावित किया है। बैंकॉक और यांगून जैसे बड़े शहरों में संरचनाओं को गंभीर नुकसान हुआ है।
म्यांमार में भूकंप से बढ़ती मौतों की संख्या
म्यांमार में भूकंप के कारण हुई तबाही में मृतकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। म्यांमार सेना (जुंटा) ने पुष्टि की है कि भूकंप में मरने वालों की संख्या 1000 से अधिक हो गई है। म्यांमार के कई शहरों में इमारतें गिर गईं और कई लोग मलबे में दब गए। इन घटनाओं के कारण स्थानीय प्रशासन और बचाव दल घबराए हुए हैं, और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दुनिया से मदद की अपील की गई है।
थाईलैंड में बचाव कार्य जारी
थाईलैंड में बैंकॉक में JJ मॉल चतुचक जैसी जगहों पर भारी नुकसान हुआ। कई इमारतें और दुकानों की छतें गिर गईं। जेसीबी मशीनों के माध्यम से मलबा हटाने का कार्य तेजी से चल रहा है। अभी तक मलबे में दबे हुए करीब 80 लोग हैं, जिन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है। बैंकॉक में भारी जिंदगी का नुकसान हुआ है, और लोग घबराए हुए हैं।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, कई लोग मलबे में दबे हुए हैं और फिलहाल बचाव कार्य जारी है। थाईलैंड में मृतकों की संख्या भी बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग घायल हुए हैं और अस्पतालों में भर्ती हैं।
भूकंप के बाद यात्री अनुभव
भूकंप के दौरान कई यात्री जो उस समय थाईलैंड और म्यांमार में थे, उन्होंने अपनी जान को बचाने के लिए डर और घबराहट का सामना किया। दिल्ली से आए एक यात्री दिलीप अग्रवाल ने बताया कि वे बैंकॉक के एक मॉल में थे और भूकंप के दौरान मॉल में सब लोग घबराकर भागने लगे। उन्होंने बताया, “हमने एक इमारत गिरते हुए देखी। बैंकॉक में लोग बहुत डर गए थे।”
एक अन्य यात्री आलोक मित्तल ने भी बताया कि भूकंप के बाद वे मॉल के ग्राउंड फ्लोर पर थे। हालांकि, मॉल के सभी दुकानदार बाहर निकल चुके थे, लेकिन वे लोग 6 घंटे तक सड़क पर बैठकर बचाव कार्य का इंतजार करते रहे। उन्होंने बताया कि बाद में उन्होंने जल्दी से फ्लाइट बुक की और वापस भारत लौट आए।
भूकंप की समयसीमा और प्रभाव
-
28 मार्च 2025, पहला भूकंप:
-
दोपहर 12:50 PM को पहला भूकंप म्यांमार में आया, जिसकी तीव्रता 7.7 थी।
-
भूकंप के झटके थाईलैंड, चीन और भारत के कुछ हिस्सों में महसूस किए गए।
-
-
28 मार्च 2025, दूसरा भूकंप:
-
12 मिनट बाद 6.4 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया, जिसने म्यांमार और थाईलैंड में और अधिक तबाही मचाई। इस भूकंप के कारण कई भवन और अन्य संरचनाएं और भी क्षतिग्रस्त हो गईं।
-
-
29 मार्च 2025, बचाव कार्य:
-
बैंकॉक और म्यांमार में बचाव कार्यों के लिए जेसीबी और अन्य मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मलबे में दबे हुए लोगों को निकालने की कोशिशें जारी हैं।
-
भारत में भूकंप के प्रभाव
भारत में भूकंप का केंद्र म्यांमार के पास होने के बावजूद नॉर्थ-ईस्ट और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। असम, मेघालय, और नागालैंड में मामूली झटके महसूस हुए थे, लेकिन इन क्षेत्रों में भूकंप से कोई बड़ी क्षति की रिपोर्ट नहीं आई। भारत सरकार ने इन क्षेत्रों में संभावित आफ्टरशॉक्स के लिए अलर्ट जारी किया है।
भूकंप के बाद राहत और पुनर्निर्माण कार्य
इस भूकंप के बाद, म्यांमार और थाईलैंड में राहत और पुनर्निर्माण कार्य बहुत जरूरी हो गए हैं। इन देशों में राहत सामग्री, स्वास्थ्य देखभाल और आश्रय के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता है। म्यांमार सेना ने दुनिया से मदद की अपील की है, और कई देशों ने अपनी सहायता भेजने का वादा किया है।
भारत, चीन, और अन्य देशों ने पहले ही अपने बचाव दल और राहत सामग्री भेजने का संकल्प लिया है। इन देशों की सहायता से संरचनाओं और सड़कें फिर से बनानी होंगी, और स्थानीय लोगों को पुनर्वास के लिए आश्रय प्रदान करना होगा।
भूकंप से सीखने योग्य बातें
-
पूर्व चेतावनी प्रणाली: भूकंप जैसी घटनाओं से बचने के लिए प्रभावी पूर्व चेतावनी प्रणाली जरूरी है, ताकि लोग सुरक्षित स्थानों पर जा सकें।
-
आपदा प्रबंधन और तैयारियां: भूकंप जैसी आपदाओं के लिए आपदा प्रबंधन योजनाएं तैयार करना और नागरिकों को भूकंप के दौरान किस तरह से सुरक्षित रहना है, इसके लिए प्रशिक्षण देना आवश्यक है।
-
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: जब एक बड़ी आपदा होती है, तो देशों को आपस में सहयोग करके राहत कार्यों को तेज करना चाहिए।
-
पुनर्निर्माण और रिकवरी: भूकंप के बाद पुनर्निर्माण का कार्य तेजी से शुरू होना चाहिए, जिसमें बुनियादी ढांचे को फिर से बनाना और प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करना शामिल है।
28 मार्च 2025 को म्यांमार, थाईलैंड और चीन में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। म्यांमार में भूकंप से मारे गए लोगों की संख्या 1000 से अधिक हो गई है। थाईलैंड और भारत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, हालांकि, इन क्षेत्रों में कोई बड़ी क्षति की रिपोर्ट नहीं आई। भूकंप के बाद बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं और अंतर्राष्ट्रीय मदद की आवश्यकता है।
भूकंप के इस अनुभव से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें अपनी आपदा प्रबंधन प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाना चाहिए और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की महत्ता को समझना चाहिए।
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.