मुम्बई में अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की बैठक चल रही थी और देर शाम को कॉग्रेस ने एक एतिहासिक प्रस्ताव पारित कर दिया। भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव। अब तक स्वायत्तता की मांग करने वाली कॉग्रेस ने यह तय किया कि अब भारत में ब्रिटिश शासन नहीं चलेगा और इसकी तत्काल समाप्ति जरुरी है। इसके लिए आजादी के सबसे बड़े आंदोलन यानी भारत छोड़ो आंदोलन की घोषणा कर दी। कॉग्रेस से प्रस्ताव पारित होते ही 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हो गया। इसको अगस्त क्रांति भी कहा जाता है। उस समय पूरी दुनिया द्वितीय विश्व युद्ध की आग में जल रही थीं। इस निर्णय से करीब चार महीने पहले अप्रैल 1942 में क्रिप्स मिशन के असफल होने से कॉग्रेस के लोगो में अंग्रेजो के प्रति अविश्वास का भाव प्रवल होने लगा था। आखिरकार कॉग्रेस को कठोर निर्णय लेने पड़े। यहां आपको याद दिलादें कि 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू करने के पीछे एक रहस्य छिपा है। दरअसल, 17 साल पहले 9 अगस्त को ही काकोरी काण्ड हुआ था और इस घटना से ब्रिटिश हुकूमत की चूलें हिल गई थीं। लिहाजा कॉग्रेस ने एक बार फिर से 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की शंखनाद करके ब्रिटिश हूकूमत को कड़ा संदेश देना चाहती थीं। काकोरी कांड के संबंध में बात करेंगे। फिलहाल जानते है कि क्या है भारत छोड़ो आंदोलन और उस वक्त इसकी जरुरत क्यों पड़ी? देखिए, इस रिपोर्ट में…
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