फेलिन तुफान से भी ज्यादा केले को बाढ से नुकसान
फसल नुकसान से ज्यादा मलबा हटाने की चिंता, केले की खेती को बाढ ने किया बड़ा नुकसान, छठ मे हो सकता है बड़ी परेशानी, मीनापुर से दूसरे राज्यो मे भी जाती है केला, बीएओ का पद खाली रहने से नुकसान का ठीक से नही हो रहा आकलन
Article Contents
मीनापुर। दस वर्षो बाद मीनापुर मे आयी प्रलयंकारी बाढ ने केले के फसल को व्यापक नुकसान पहुंचायी है। मीनापुर को केले की नैहर कहा जाता है। यहां के केला राज्य के कोने कोने मे जाती है। किंतु इस बार मीनापुर मे फेलिन तुफान से भी बड़ा नुकसान है। महदेईया पंचायत मे तो करीब 90 फीसदी केले के फसल जमीन पर गिर चुके है। किसानो की तो कमर टूट चुकी है। ऐसी स्थिति पुरे मीनापुर की है। सड़क किनारे या खेतो मे केले के पेड़ जमीन पर लहुलुहान स्थिति मे है। महदेईया के पंसस सह जदयू किसान प्रकोष्ठ के प्रखण्ड अध्यक्ष शिवचंद्र प्रसाद ने बताया कि यहां हजारो किसानो के खेतो मे केले के फसल चौपट है। इतना नुकसान तो फेलिन तुफान मे भी नही हुआ था। एक हेक्टेयर केले की खेती पर नब्बे हजार रूपये खर्च आता है। किंतु किसानो को नुकसान से ज्यादा खेतो से केले के मलबे हटाने को लेकर है। क्योकि बाढ से तो वह पुरी तरह टूट चुके है। अब कहां से बड़ी राशि आयेगी कि केले का मलबा हटवाये। एक हेक्टेयर केले का मलबा हटवाने मे अमूमन पचास हजार रूपये के खर्च आयेंगे। अलीनेउरा के पैक्स अध्यक्ष अशोक कुमार का एक हेक्टेयर,वासुदेव छपड़ा के रामनारायण साह का एक हेक्टेयर,मुस्तफागंज के गणेश प्रसाद का साढे तीन एकड़,मीनापुर के महादेव प्रसाद का चार एकड़,बहवल बाजार के कैलाश प्रसाद का डेढ एकड़ केले का फसल बाढ के पानी मे बर्बाद हो चुका है। खेतो मे पड़ा मलवा विनाश की कहानी कह रही है। हालांकि ऐसे किसानो की संख्या हजारो मे है। मीनापुर मे बीएओ का पद रिक्त है। नतिजतन नुकसान के सही आकलन का पता नही चल रहा है। निवर्तमान बीएओ महेंद्र साह मंगलवार को प्रभार देने के लिए मीनापुर मे जमे रहे। किंतु बोंचहा के बीएओ अतिरिक्त प्रभार लेने नही पहुंचे। पैक्स अध्यक्ष शिवचंद्र प्रसाद बताते है कि केले की खेती वार्षिक फसल है। इस साल की खेती समाप्त हो चुकी है। अगर पूंजी भी लगाया जाये तो अब फसल अगले साल ही आयेंगे। इसलिए अन्य फसलो के मुकाबले केले का क्षतिपूर्ति दोगूना दिया जाये। छठ मे केले को लेकर भारी परेशानी होगी। मीनापुर के केले अन्य राज्यो का अलावा नेपाल भी भेजा जाका है।
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.