केरल में कहर बना बारिश, ग्यारह जिलो में मची तबाही

भारत के राज्य केरल में आफत की बारिश कहर बन कर लोगो पर टूटी है। मूसलाधार बारिश से अब तक 14 में से 11 जिले बाढ़ की चपेट में आ गएं हैं।

सरकारी रिपोर्ट पर भरोसा करें तो इस बारिश और बाढ़ की चपेट में आने से 50 हजार से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। वहीं इडुक्की डैम के आसपास, एर्नाकुलम और त्रिशूर में बारिश रुकने से शनिवार को लोगों को थोड़ी राहत मिली है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने बाढ़ में मारे गए लोगों के परिजनों को प्रति परिवार चार लाख और घर व जमीन गंवाने वालों को प्रति परिवार 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषित की है।

आठ जिलो में रेड अलर्ट

मौसम विभाग ने राज्य के आठ जिलों में शनिवार को रेड अलर्ट जारी कर दिया है। इसमें इडुक्की, वयनाड, मलप्पुरम, कोझिकोड, पालक्काड़, कोट्टायम और अलाप्पुझा जिला शामिल है। बाकी जिलों में रविवार से हालात सामान्य होने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं, इडुक्की में एक दिन पहले बांध के पांचों गेट खोलने पड़े थे। इससे हर सेकंड पांच लाख लीटर पानी बाहर आ रहा है। मुख्यमंत्री ने आर्मी, नेवी, कोस्ट गार्ड और एनडीआरएफ की टीम से मदद मांगी है। इस बीच नेहरू ट्रोफी बोट रेस को रद्द कर दिया गया है।

30 जाने गई

केरल में आठ अगस्त से जारी भारी बारिश के बाद से अब तक 30 लोगों की जानें जा चुकी हैं। नौसेना की दक्षिणी नवल कमांड ने वयानड में फंसे लोगों को बचाने के लिए चार टाइविंग टीमें और एक हेलीकॉप्टर भेजा है। वहीं, भारतीय थल सेना की ओर से भी अयान्नकुलु, इदुक्की और वयानड में लगभग 75 जवानों की टीम भेजी गई है। दो और टीमें कोझिकोड और मलप्पुरम भेजी गई है। भारी बारिश से कांजीकोड और वालायर के बीच रेलवे ट्रैक को भी नुकसान पहुंचा है।

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