KKN गुरुग्राम डेस्क | अप्रैल में गर्मी 2025, भारत में तापमान 40 डिग्री, मौसम की जानकारी, लू का प्रकोप, गर्मी में सावधानियां, बिहार मौसम अपडेट, जलवायु परिवर्तन भारत
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अभी अप्रैल की शुरुआत ही हुई है, लेकिन गर्मी का सितम ऐसा महसूस हो रहा है मानो मई-जून आ गया हो। सोमवार को तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया, जिसने आम जनता को परेशान कर दिया। तेज धूप और सूखी हवाओं ने गर्मी को और ज्यादा झुलसाने वाला बना दिया।
बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-NCR जैसे राज्यों में तापमान में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह असामान्य गर्मी जलवायु परिवर्तन का स्पष्ट संकेत है।
जलवायु परिवर्तन की चेतावनी
भारत मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अप्रैल के पहले सप्ताह में ही 40 डिग्री तापमान सामान्य से 5-6 डिग्री अधिक है।
“इस बार प्री-मानसून बारिश की कमी और वायुमंडलीय दबाव की स्थिति के कारण यह तेज गर्मी देखने को मिल रही है। यह वैश्विक तापमान वृद्धि और एल नीनो प्रभाव का परिणाम है।” – मौसम वैज्ञानिक, आईएमडी
प्रमुख शहरों में तापमान का हाल
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दिल्ली: 39.8°C
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पटना: 40.1°C
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लखनऊ: 39.5°C
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मुजफ्फरपुर: 40.0°C
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वाराणसी: 41.3°C
यह तापमान सामान्य से कहीं अधिक है और आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकता है।
स्कूलों और दफ्तरों में असर
मुजफ्फरपुर जैसे शहरों में गर्मी का असर स्कूलों की उपस्थिति पर पड़ा है। कई अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने से परहेज किया। ऑफिस जाने वाले लोग भी स्कार्फ, सनग्लास और छाते का सहारा लेते नजर आए।
रिक्शा चालक, डिलीवरी बॉय और निर्माण कार्य में लगे मजदूरों पर गर्मी का सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है।
चिकित्सकीय सलाह: खुद को रखें सुरक्षित
डॉक्टरों ने नागरिकों से गर्मी से बचाव के लिए निम्नलिखित सलाह दी है:
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खूब पानी पिएं (3-4 लीटर रोज़)
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दोपहर 11 से 4 बजे के बीच बाहर न निकलें
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सूती और हल्के रंग के कपड़े पहनें
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फलों में तरबूज, खीरा, नींबू का सेवन करें
क्लीनिकों में डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
बिजली और पानी की मांग में उछाल
गर्मी बढ़ते ही:
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बिजली की खपत में तेजी आई है, एसी और कूलर की मांग बढ़ गई है
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पानी की खपत भी बढ़ी है, जिसके चलते नगर निगमों ने पानी बचाने की अपील की है
बिहार के कई इलाकों में पानी की टंकी और टैंकरों की आपूर्ति शुरू हो गई है।
पर्यावरणविदों की चेतावनी: यह तो बस शुरुआत है
जलवायु विशेषज्ञों का मानना है कि यह गर्मी अप्रैल की नहीं, जून की गर्मी है। मई और जून में हालात और खराब हो सकते हैं अगर जल्द ही बारिश नहीं होती।
वे प्रशासन से आग्रह कर रहे हैं कि:
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हीट एक्शन प्लान को प्रभावी बनाया जाए
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शहरों में पेड़-पौधे लगाए जाएं
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गर्मी में स्कूलों और दफ्तरों के समय पर पुनर्विचार किया जाए
गर्मी का यह पूर्वाभास एक चेतावनी है। अगर अप्रैल में ही यह हाल है, तो मई-जून में हालात और भी खराब हो सकते हैं।
इसलिए जरूरी है कि सरकार, प्रशासन और आम जनता गर्मी से निपटने की तैयारी अभी से करें।
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