न्यूयॉर्क। सुनने में भले ही अटपट लगे। पर, यह सच है कि साफ सफाई के मामले में चिंपांजी ने इंसानो को पीछे छोड़ दिया है। एक शोध में विशेषज्ञों ने सबसे साफ-सुथरे जीव का दर्जा चिंपांजी को दिया है।
यह शोध अमेरिकी पीएचडी स्टूडेंट मेगन थोम्स ने तंजानिया की इस्सा वैली के चिंपांजी पर करने के बाद जारी किया है। मेगन ने 41 चिंपांजी के रहने की जगह का अध्ययन किया। उसने देखा कि चिंपांजी के घोंसलों में इंसान के बेड के मुकाबले काफी कम बैक्टीरिया मौजूद थे। इतना ही नहीं बंदरों को इंसान का पूर्वज कहा जाता है। चिंपांजी अपना घोंसला पेड़ों की टहनियों और पत्तियों से बनाते हैं। सैंपल में इंसान के बेड में उसके शरीर से निकलने वाले बैक्टीरिया की संख्या, चिंपांजी के घर के मुकाबले अधिक पायी गई है।
चिंपांजी में मुंह, त्वचा और अन्य स्रोतों से फैलने वाले बैक्टीरिया की तादाद भी काफी कम थी। मेगन नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं। मेगन ने कहा कि यह उनके लिए काफी चौंकाने वाला था, क्योंकि इंसानों में पाए जाने वाले एक भी माइक्रोब्स चिंपांजी के रिहायशी स्थान में नहीं मिले। मेगन का यह रिसर्च रॉयल सोसाइटी ओपन साइंस पत्रिका में प्रकाशित हो चुका है।
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