इसे काम का बोझ कहें या लापरवाही?

हाईलेवल मीटिंग और खर्राटे लेते पुलिस के आलाधिकारी

बिहार। हाईलेवल मीटिंग में जब कोई आलाधिकारी झपकी लेते हुए कैमरे में कैद हो जाए तो खबर की खुर्खिया बनना लाजमी हो जाता है। पर, सवाल और भी है। मशलन, क्या इन अधिकारियों पर काम का अत्यधिक बोझ है या यह इनकी लापरवाही है? बहरहाल, मैं बात कर रहा हूं राजधानी पटना में हो रहे प्रकाश पर्व के शुकराना समारोह की अंतिम तैयारी की समीक्षा के लिए बुलाई गई हाईलेवल मीटिंग की। मीटिंग के दौरान ही पटना पुलिस के कई अधिकारी झपकी लेते हुए कैमरे में कैद हो गए।
दरअसल गुरु गोविंद सिंह के 350 वें प्रकाशोत्सव का समापन समारोह आगामी 23 से 25 दिसंबर तक आयोजित हो रहा है। राज्य सरकार ने इसे शुकराना समारोह का नाम दिया है। इसको लेकर पटना कमिश्नर ने अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। बैठक के बीच में पुलिस अधिकारी खर्राटे लेने लगे और इसी दौरान इनकी तस्वीरें कैमरे में कैद हो गईं।

बता दें, यह कोई पहला वाक्या नहीं है, जब पटना पुलिस की ऐसी तस्वीर सामने आई हैं। पिछले दशहरा और छठ को लेकर प्रशासनिक ब्रीफिंग के दौरान भी पुलिस अधिकारी अपने सीनियर्स की बातों को नजरअंदाज कर सोते रहे थे। बैठक में दारोगा जी से लेकर थानेदार तक पहुंचे। कितनी महत्वपू्र्ण ब्रीफिंग थी, ये खुद पटना के कमिश्नर आनंद किशोर बता रहे थे, लेकिन दारोगा जी और थानेदार साहब सोने में लगे रहे।
बैठक में आयुक्त आनंद किशोर ,पटना डीएम संजय अग्रवाल और एसएसपी मनु महाराज उपस्थित थे। वही बैठक में तमाम दंडाधिकारियों को आवशयक दिशा निर्देश दिए गए।

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