मुस्तफागंज मे दिखेगा नां दुर्गा का बंगाल मॉडल
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मीनापुर के मुस्तफागंज बाजार पर भव्य दुर्गा पूजा की तैयारी, कोलकत्ता के कारीगर प्रतिमा तैयारी करने मे दिन रात जुटे, साठ वर्षो से होती है पूजा, हैजा फैलने के बाद मीनापुर मे यहीं से हुआ था पूजा का आगाज
संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। मीनापुर प्रखण्ड के मुस्तफागंज बाजार का दुर्गा पूजा इस बार खास होगा। दुर्गा पूजा को ऐतिहासिक बनाने के लिए यहां पर कोलकत्ता के कारीगरो को उतारा गया है। पश्चिम बंगाल आसनसोल के मूर्तिकार राखोहरी सुत्रधर के नेतृत्व मे पुरी टीम दिन रात एक कर प्रतिमा को नया रूप देने मे लगे है। उनका कहना है कि लोग यहां से कोलकत्ता का दुर्गा पूजा देखने जाते थे। किंतु इस बार मुस्तफागंज बाजार पर ही कोलकत्ता का माता दुर्गा दिख जायेगा। इसके लिए मिट्टी के मूर्ति के अलावा प्लाइवुड पर पेंटिग से कहानियो को नया रूप दिया जा रहा है। मूर्तिकार राखोहरी सुत्रधर ने बताया कि इस बार यहां नये अंदाज मे दुर्गा पूजा होगी.प्रतिमा मे पुरा एक्शन होगा। ब्रम्हा,विष्णु व अन्य देवता त्राही त्राही करते हुए भगवान भोले शंकर के पास पहुंचेंगे। वहां पर महिषासुर के आतंक से मुक्ति की गुहार लगायेंगे। कैलाश पर्वत का मनोहारी दृश्य बनाया गया है। इसके बाद मां दुर्गा महिषासुर का संहार करेगी। जमीन से बीस फुट उपर मे मां की प्रतिमा महिषासुर के साथ लड़ाई की मुद्रा मे दिखेगी। इसके बाद लक्ष्मी,गणेश,सरस्वती व कार्तिक की प्रतिमा भी भव्यता बिखरेगी। पंडाल और रोशनी की व्यवस्था भी अत्याधुनिक तरीके से होगी। मुस्तफागंज बाजार पर साठ वर्ष से अधिक समय पहले से यहां दुर्गा पूजा होती है। उस वक्त मीनापुर का एकलौता पूजा हुआ करता था। पुजारी नारायण प्रसाद बताते है कि उस वक्त जंगबहादुर सिंह,कासिम मिया,महेंद्र प्रसाद सिंहा सहित कई पुराने लोगो ने यहां पूजा की शुरुआत करवायी थी। ग्रामीण सीताराम साह बताते है कि उस वक्त इलाके मे हैजा का प्रकोप था। लाख कोशिश करने के बाद भी नही थम रहा था। छोटा सा मंडप बनाकर माता की पूजा अर्चना करने के बाद नियंत्रण पाया गया। वर्ष 1960 मे दुर्गा मंदिर दुसरी और 2007 मे तीसरी बार बनाया गया। 11 वर्षो से दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष ललन कुशवाहा कहते है कि उत्तर बिहार मे ग्रामीण इलाको का ऐतिहासिक पूजा होगा। यहां श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ेगी। समिति के विजय प्रसाद व रजनिशकांत प्रियदर्शी बताते है कि पहले ही दिन से यहां भजन कीर्तन व दुर्गा सप्तशती गूंजने लगेगा।
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