KKN न्यूज ब्यूरो। महाराष्ट्र और असम के बाद अब गुजरात में बिहारी मजदूर निशाने पर आ गएं हैं। नतीजा बिहारी के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के मजदूर गुजरात छोड़ कर भागने को विवश हो चुकें है। हालांकि, मौका मिलते ही राजनेता इस बाबत भी राजनीति करने लगे है और एक दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार ठहराने की कोई भी कसर बाकी नहीं छोरना चाहता है।
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रेप के बाद भड़का आक्रोश
दरअसल, गुजरात के साबरकांठा जिले में एक 14 महीने की बच्ची के रेप के बाद से वहां गैर गुजराती यानी बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। अब बाहरी लोगों में डर इतना बैठ गया है कि वो गुजरात छोड़ने को विवश हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर गैर गुजरातियों के खिलाफ नफरत भरे संदेश फैलाए जाने के बाद ये हमले हुए है। हमला के डर से बड़ी संख्या में लोग भागना शुरू कर दिया है। इस बीच गुजरात पुलिस ने गांधीनगर, अहमदाबाद, साबरकांठा, पाटन और मेहसाणा जिलों में कम से कम 180 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। बावजूद इसके हमला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है।
ऐसे भड़की हिंसा
बतातें चलें कि 28 सितंबर को साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर कस्बे के पास एक गांव में 14 माह की एक बच्ची से कथित तौर पर बलात्कार हुआ था। बच्ची से बलात्कार करने वाला रविन्द्र साहू बिहार का रहने वाला है और यहा गुजरात में मजदूरी करने आया था। घटना के बाद पुलिस ने आरोपित रविन्द्र साहू को गिरफ्तार कर लिया है। किंतु, इस घटना के बाद कॉग्रेस विधायक अल्पेश ठाकुर ने सभा करके जो भाषण दिए, इससे लोगो का गुस्सा गैर गुजरातियो के खिलाफ भड़कने लगा और धीरे-धीरे हालात बेकाबू होने लगे। इस बीच स्वयं विधायक अल्पेश ठाकुर ने हिंसा को दुर्भाग्यपूण बतातें हुए हिंसा की वकालत करने से इनकार कर दिया है।
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