KKN गुरुग्राम डेस्क | दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जैसे-जैसे माहौल गरम हो रहा है, राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। ‘आईआईटीयन बाबा’ के नाम से मशहूर अभय सिंह ने नूपुर शर्मा को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन दिया है। भले ही नूपुर शर्मा को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित कर दिया गया हो, लेकिन बाबा ने उन्हें “सत्य और धर्म की महिला” कहकर उनकी प्रशंसा की है। इस समर्थन ने चुनावी माहौल में नई ऊर्जा और जिज्ञासा पैदा कर दी है।
कौन हैं ‘आईआईटीयन बाबा’?
अभय सिंह, जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के पूर्व छात्र हैं, सोशल मीडिया पर अपनी बौद्धिक और आध्यात्मिक चर्चाओं के लिए लोकप्रिय हैं। अपने अनुयायियों के बीच ‘आईआईटीयन बाबा’ के नाम से जाने जाने वाले अभय सिंह, राजनीति, नैतिकता और आध्यात्मिकता पर चर्चा करते हैं। युवाओं के बीच उनकी बड़ी फॉलोइंग है, जो उनके विचारों और आदर्शों से प्रभावित होती है।
हाल ही में, उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नूपुर शर्मा को मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन देने का ऐलान किया। उन्होंने शर्मा को “सत्य और धर्म की महिला” कहते हुए उनकी नेतृत्व क्षमता और नैतिकता की प्रशंसा की।
नूपुर शर्मा: भाजपा से स्वतंत्र उम्मीदवार तक का सफर
नूपुर शर्मा, भाजपा की पूर्व प्रवक्ता, राष्ट्रीय राजनीति में अपनी बेबाक और स्पष्टवादी छवि के लिए जानी जाती हैं। पार्टी में रहते हुए उनकी प्रभावशालीशैली और स्पष्ट विचारों ने उन्हें एक उभरते हुए नेता के रूप में स्थापित किया। लेकिन 2022 में विवादित टिप्पणी के कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। यह घटना उस समय चर्चा का विषय बन गई थी।
निष्कासन के बाद, शर्मा ने दिल्ली में सामाजिक और विकासात्मक मुद्दों पर काम करना जारी रखा। अब, स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में 2025 के चुनावों में उतरने का उनका फैसला जनता और राजनीतिक विश्लेषकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ लोग उन्हें विवादास्पद मानते हैं, जबकि अन्य उन्हें एक सशक्त और सक्षम नेता के रूप में देखते हैं।
‘आईआईटीयन बाबा’ ने क्यों दिया नूपुर शर्मा को समर्थन?
अभय सिंह ने अपने समर्थन में नूपुर शर्मा की सत्यनिष्ठा और चुनौतियों के बीच खड़े रहने की क्षमता को सराहा। उनके अनुसार, दिल्ली को एक ऐसे नेता की जरूरत है जो नैतिक मूल्यों को प्राथमिकता दे और जनता के कल्याण को राजनीति से ऊपर रखे। उन्होंने शर्मा की कानूनी विशेषज्ञता और महिला सुरक्षा, शहरी विकास और शिक्षा जैसे मुद्दों पर उनके फोकस की भी प्रशंसा की।
यह समर्थन केवल एक व्यक्तिगत बयान नहीं है, बल्कि यह युवाओं और शहरी मतदाताओं की सोच को प्रभावित करने वाला एक रणनीतिक कदम हो सकता है। सिंह का समर्थन शर्मा को एक वैकल्पिक नेता के रूप में स्थापित कर सकता है, जो पारंपरिक राजनीतिक दलों से अलग है।
दिल्ली की राजनीति पर इस समर्थन का प्रभाव
अभय सिंह जैसे प्रभावशाली व्यक्ति के समर्थन ने दिल्ली चुनावों को और भी रोचक बना दिया है। यह समर्थन कई तरीकों से राजनीतिक समीकरण बदल सकता है:
1. स्वतंत्र उम्मीदवारों को मजबूती
स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में नूपुर शर्मा की उम्मीदवारी को इस समर्थन से नई ताकत मिली है। इससे अन्य स्वतंत्र नेताओं को भी प्रेरणा मिल सकती है और वे पारंपरिक राजनीतिक दलों को चुनौती दे सकते हैं।
2. युवाओं का समर्थन
युवाओं के बीच मजबूत प्रभाव रखने वाले अभय सिंह का यह कदम युवा मतदाताओं को नूपुर शर्मा के पक्ष में लामबंद कर सकता है। उनकी शख्सियत एक ऐसे नेता की छवि प्रस्तुत करती है जो बौद्धिक और नैतिक दोनों रूपों में सक्षम है।
3. पारंपरिक पार्टियों के लिए चुनौती
सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) और विपक्षी भाजपा के लिए यह समर्थन चिंता का विषय हो सकता है। यदि शर्मा को पर्याप्त समर्थन मिलता है, तो यह उनके वोट बैंक को प्रभावित कर सकता है और उनकी रणनीतियों को बदलने के लिए मजबूर कर सकता है।
नूपुर शर्मा का दिल्ली के लिए विज़न
आगामी चुनावों के लिए तैयार होते हुए, नूपुर शर्मा ने दिल्ली के भविष्य के लिए अपनी योजनाओं को स्पष्ट किया है। उनके घोषणापत्र के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
1. महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण
शर्मा ने महिलाओं के लिए एक सुरक्षित शहर बनाने का वादा किया है। इसमें बेहतर पुलिसिंग, सख्त कानून, और सामुदायिक पहल शामिल हैं। उनका मानना है कि महिलाओं की सुरक्षा एक प्रगतिशील और समावेशी दिल्ली के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
2. शहरी विकास
दिल्ली में बढ़ती जनसंख्या के साथ ट्रैफिक, प्रदूषण और अविकसित बुनियादी ढांचे की समस्या गंभीर हो गई है। शर्मा टिकाऊ शहरी विकास और नवाचारी समाधानों के माध्यम से इन मुद्दों का समाधान करना चाहती हैं।
3. शिक्षा और कौशल विकास
शर्मा ने शिक्षा सुधारों को प्राथमिकता देने का वादा किया है, जिसमें व्यावसायिक प्रशिक्षण और डिजिटल साक्षरता पर विशेष जोर दिया जाएगा। उनका लक्ष्य युवाओं को आधुनिक नौकरी बाजार की मांगों के अनुरूप तैयार करना है।
4. स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच
COVID-19 महामारी के बाद, शर्मा ने मजबूत स्वास्थ्य सेवा अवसंरचना की आवश्यकता पर बल दिया है। वह समाज के सभी वर्गों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की योजना बना रही हैं।
जनता की प्रतिक्रिया
अभय सिंह के समर्थन पर सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई है। कई लोगों ने उनके फैसले की सराहना की, इसे राजनीति में एक नई सोच का प्रतीक बताया, जबकि कुछ ने उन्हें एक विवादास्पद नेता का समर्थन करने के लिए आलोचना की। ये प्रतिक्रियाएं भारतीय राजनीति के ध्रुवीकृत स्वरूप को दर्शाती हैं, जहां हर कदम पर गहन चर्चा होती है।
नूपुर शर्मा ने इस समर्थन पर आभार व्यक्त किया और इसे अपनी ईमानदारी और समर्पण का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे समर्थन उनके संकल्प को और मजबूत बनाते हैं और जनता की सेवा के उनके इरादे को और अधिक दृढ़ करते हैं।
क्या नूपुर शर्मा दिल्ली की मुख्यमंत्री बन सकती हैं?
मुख्यमंत्री बनने की राह नूपुर शर्मा के लिए आसान नहीं है। स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में, उन्हें बड़े राजनीतिक दलों के विशाल संसाधनों और संगठनों के खिलाफ लड़ना होगा। हालांकि, उनकी बढ़ती लोकप्रियता और अभय सिंह जैसे प्रभावशाली व्यक्तियों के समर्थन से उन्हें जनता का समर्थन मिल सकता है।
शर्मा की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह विभिन्न समुदायों के मतदाताओं से कैसे जुड़ती हैं, अपने विज़न को प्रभावी ढंग से कैसे प्रस्तुत करती हैं, और अपने विरोधियों के तर्कों का कैसे सामना करती हैं। 2025 का दिल्ली विधानसभा चुनाव हाल के वर्षों में सबसे अनिश्चित और दिलचस्प चुनावों में से एक साबित होने वाला है।
‘आईआईटीयन बाबा’ अभय सिंह द्वारा नूपुर शर्मा को समर्थन देने से दिल्ली की राजनीति में एक नई ऊर्जा आई है। उनकी बौद्धिक और आध्यात्मिक छवि का प्रभाव, खासकर युवाओं और शहरी मध्यम वर्ग के बीच, शर्मा के अभियान को एक नई दिशा दे सकता है।