राजकुमार सहनी
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बिहार के बगहा में विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी ने बिमल बाबू खेल मैदान में ऐतिहासिक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब चुनाव का समय था | भाजपा सुप्रीमो ने हमसे पार्टी को मदद करने के लिए कहा तो मैंने भी अपना एक मांग रखा था की जब आप सरकार में आएंगे तो निषाद के सभी उपजातियों को आरक्षण देना होगा और यह मांग सहर्ष स्वीकार कर लिया गया था | जब भाजपा सत्ता पर काबिज़ हुई समाज के लोगों को उम्मीद जगी की आरक्षण की मांग अब पूरी हो जाएगी, लेकिन अभीतक यह एक जुमला ही साबित हो रहा है |
इस वादाखिलाफी का व्यापक असर लोकसभा चुनाव में दिखेगा
विदित हो कि वीआईपी शुवे के बिस लोकसभा क्षेत्रों में निषाद आरक्षण रैली करेगी | यहां पर ध्यान देनेवाली बात है कि निषाद के सभी उपजातियों को बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग की सूची में आरक्षण प्राप्त है | श्री सहनी का मांग है कि बंगाल के तर्ज पर बिहार में भी निषाद समाज के लोगों को आरक्षण प्राप्त हो, क्योंकि बंगाल विभाजन से पहले यह दोनों राज्य एक था | 1912 में विभाजन के बाद बंगाल को अनुसूचित जाति में निषाद समाज को आरक्षण प्राप्त होता रहा व बिहार में निषादों को राजनीतिक शाजिस के तहत अत्यंत पिछड़ा वर्ग की सूची में डाल दिया गया |
जारी रहेगा जन संपर्क
आरक्षण के लड़ाई को अधिक धारदार बनाने के लिए श्री सहनी लगातार एक के बाद एक निषाद आरक्षण रैली कर रहे है व समाज को एकता के सूत्र में बांधने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे है | विदित हो कि पहले चरण में सात दिसंबर से सूवे के पांच लोकसभा क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर द्वरा निषाद आरक्षण रैली का आयोजन किया जा रहा है | सुपौल से इसका श्रीगणेश किया गया था | यह दूसरा रैली बगहा में हुआ | बारह दिसंबर को खगड़िया, पन्द्रह दिसंबर को भागलपुर व सत्रह दिसंबर को अररिया में रैली का आयोजन किया जाएगा |
प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में लाखों-लाख की संख्या में निषाद समाज के लोग रैली में शामिल हो रहे हैं |
प्रतिनिघित्व के आधार पर होगा समझौता
गठबंधन के सवाल पर श्री सहनी ने कहा कि निषाद समाज के बेहतरी को ध्यान में रखते हुए कोई भी फैसला लेंगे | पार्टी या गठबंधन हमारी मांगों को मानकर हमें अधिक प्रतिनिधित्व देगी हम उनके साथ गठबंधन के संदर्भ में कोर कमिटी सदस्यों के साथ बैठक के बाद ही किसी निर्णय तक पहुंचेगे | फिलहाल हम बिहार में गेम चेंजर ही भूमिका में हैं तथा कई पार्टियाँ हमारे साथ गठबंधन करने को आतुर हैं |
24 उपजातियां
यहां पर ध्यान देनेवाली बात है कि निषाद समाज की 21 उपजातियां हैं जो 44 सरनेम से जानी जाती है | कुलमिलाकर 14.079%(1.70 करोड़) वोट बैंक के साथ निषाद समाज 2019 के चुनाव में प्रदेश के राजनीति की दिशा-दशा को तय करती हुई दिख रही है | वीआईपी को जनता की पार्टी बताते हुए श्री सहनी कहते है कि पार्टी निषाद आरक्षण सहित समाज के सारे हक़-अधिकार दिलाने हेतु पर्याप्त राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित कर रही है।
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