भारत के आर्थिक भगोड़े विजय माल्या के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली के संबंध को लेकर एक नया मोड़ आ गया है। कॉग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अरुण जेटली से इस्तीफे की मांग करते हुए केन्द्र की मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला बोल दिया है। राहुल गांधी ने पूछा है कि डिटेन नोटिस को इन्फॉर्म नोटिस में किसने बदलवाया? राहुल ने कहा कि यह काम वही कर सकता है जो सीबीआई को नियंत्रित करता है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को जेटली पर माल्या के साथ मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया है।
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राहुल ने पूछा डील को सार्वजनिक करें
राहुल गांधी ने दावा किया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया संसद के केंद्रीय कक्ष में हुई जेटली और माल्या की करीब 20 मिनट चली मुलाकात के साक्षी हैं। कहा कि इस मामले में वित्त मंत्री और सरकार झूठ बोल रही है। राहुल गांधी ने कहा कि जेटली देश को बताएं कि माल्या को भगाने के लिए क्या डील हुई थी? राहुल ने कहा कि वित्त मंत्री माल्या से बात करते हैं और माल्या उनसे लंदन जाने के बारे में बता भी देता है। बावजूद इसके वित्त मंत्री ने सीबीआई, ईडी या पुलिस को सूचित क्यों नहीं किया?
माल्या के बयान से मचा बवाल
दरअसल, माल्या ने बुधवार को कहा कि वह भारत से रवाना होने से पहले वित्त मंत्री से मिला था। लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होने के लिए पहुंचे माल्या ने संवाददाताओं को बताया कि उसने भारत के वित्त मंत्री से मुलाकात की थी और बैंकों के साथ मामले का निपटारा करने की पेशकश की थी। उधर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माल्या के बयान को झूठा करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2014 के बाद उसे कभी मिलने का समय नहीं दिया।
वित्त मंत्री ने दी सफाई
भारत के वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि माल्या राज्यसभा सदस्य के तौर पर हासिल विशेषाधिकार का दुरुपयोग करते हुए संसद भवन के गलियारे में उनके पास आ गया था। किंतु, उनसे कोई बातचीत नहीं हुई। दूसरी ओर भाजपा ने कॉग्रेस पर ही माल्या को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए एक पत्र के हवाले से कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ विजय माल्या की उनकी कार्यकाल के दौरान ही वार्ता हुई थी और कॉग्रेस देश को गुमराह कर रही है।
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