KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मौसम अलर्ट जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि जनवरी के अंतिम दिनों में और फरवरी की शुरुआत में भारी बारिश हो सकती है। यह बारिश पश्चिमी विक्षोभों के कारण होगी, जो दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बारिश का कारण बनेंगे। इसके साथ ही पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी बारिश की संभावना जताई गई है, जो दैनिक जीवन में कुछ व्यवधान पैदा कर सकती है।
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दिल्ली मौसम पूर्वानुमान: बारिश और शीतलहर की संभावना
IMD के नवीनतम मौसम अपडेट के अनुसार, दिल्ली में 29 जनवरी से 1 फरवरी तक बारिश होने की संभावना है। फरवरी की शुरुआत में बारिश की तीव्रता बढ़ सकती है। यह मौसम परिवर्तन दो लगातार पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव से हो रहे हैं, जो उत्तर भारत में नमी से भरी हवाएं लाएंगे और बारिश को प्रेरित करेंगे। पहला विक्षोभ 29 जनवरी को हिमालय के ऊपरी हिस्से में सक्रिय होगा, जबकि दूसरा विक्षोभ 1 फरवरी को प्रभावी होगा।
इन विक्षोभों के कारण, उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों जैसे जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी की संभावना है। इन क्षेत्रों में तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है। जैसे-जैसे ये विक्षोभ दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पहुंचेंगे, वहां बादल और बारिश की स्थिति बन सकती है।
परिवहन पर मौसम का प्रभाव
दिल्ली में बारिश और घने कोहरे के कारण परिवहन सेवाओं पर असर पड़ने की संभावना है। पिछले कुछ हफ्तों में दिल्ली से संचालित कई उड़ानें और ट्रेनें कोहरे के कारण देरी से चल रही थीं या रद्द हो गई थीं। अब, मौसम में और बदलाव आने के कारण यह स्थिति और बिगड़ सकती है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम पूर्वानुमान पर नजर रखें और अपनी यात्रा की योजना के अनुसार परिवहन सेवाओं से अपडेट प्राप्त करें।
उत्तर भारत में बारिश का असर
दिल्ली के अलावा, IMD ने पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी 30 जनवरी से 1 फरवरी के बीच बारिश की संभावना जताई है। इन क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है, जो निम्न-लक्षित क्षेत्रों में जलभराव का कारण बन सकती है। हालांकि, यह बारिश उत्तर भारत में शीतलहर को कुछ हद तक कम कर सकती है, लेकिन बारिश के कारण कुछ असुविधाएं हो सकती हैं।
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और राजस्थान के कुछ हिस्सों में शीतलहर के और बढ़ने की संभावना जताई है। इन राज्यों में तापमान सामान्य से कम रह सकता है, और ठंडी हवाएं और ओस से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में परेशानी हो सकती है। हालांकि, जैसे ही पश्चिमी विक्षोभ खत्म होंगे, उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि हो सकती है, जिससे ठंड में कुछ राहत मिलेगी।
दक्षिण भारत में भारी बारिश
उत्तर भारत में प्रभाव डालने वाला यह मौसम तंत्र दक्षिण भारत के राज्यों में भी भारी बारिश का कारण बनेगा। तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और आंध्र प्रदेश में अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की संभावना है। बारिश के साथ-साथ आंधी और तूफान भी हो सकते हैं, जो इन राज्यों में सामान्य जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। इन राज्यों के निवासियों को मौसम की चेतावनियों का पालन करते हुए घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है, खासकर जब बारिश और तूफान अपने चरम पर होंगे।
जम्मू और कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी
दिल्ली-एनसीआर और आसपास के राज्यों में बारिश के अलावा, जम्मू और कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश में 29 जनवरी से 1 फरवरी के बीच बारिश और बर्फबारी का नया दौर शुरू हो सकता है। इन क्षेत्रों में तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी रहेगा, और बर्फबारी के कारण पहाड़ी इलाकों में सड़क यातायात प्रभावित हो सकता है। इसलिए, इन क्षेत्रों में यात्रा करने वाले यात्रियों को सड़क की स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के बाद ही यात्रा करने की सलाह दी जाती है।
मध्य भारत: तापमान में मामूली वृद्धि
मध्य भारत में, जैसे मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में मौसम में कोई विशेष बदलाव नहीं होने की संभावना है, लेकिन इन राज्यों में तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि हो सकती है। हालांकि, इस क्षेत्र में कोई महत्वपूर्ण बारिश का पूर्वानुमान नहीं है, और मौसम सामान्य रूप से शुष्क रहेगा।
जनवरी के अंत में, दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में फरवरी की शुरुआत में भारी बारिश की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव से बारिश, शीतलहर और बर्फबारी के कारण उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में ठंड में और वृद्धि हो सकती है। दिल्ली और अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में परिवहन सेवाओं में देरी और रद्दीकरण की संभावना है, इसलिए यात्रियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। वहीं, दक्षिण भारत और जम्मू-कश्मीर में भी भारी बारिश और तूफान की चेतावनी जारी की गई है।
इस समय मौसम में लगातार बदलाव हो रहे हैं, और निवासियों और यात्रियों को IMD द्वारा जारी किए गए नवीनतम मौसम पूर्वानुमानों पर ध्यान देना चाहिए। इससे उन्हें मौसम के प्रभावों से सुरक्षित रहने और अपनी योजनाओं को समायोजित करने में मदद मिलेगी। IMD के समय पर जारी किए गए अलर्ट और सलाहें इन मौसम परिवर्तनों के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
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