बकुलहर मठ की विवादित जमीन के मामले में आया नया मोड़
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मुजफ्फरपुर। सिवाईपट्टी थाना क्षेत्र के खेमकरण गांव स्थित बकुलहर मठ की विवादित जमीन के मामले में अब एक और नया मोड़ आ गया है। पूर्व विधायक जनकधारी प्रसाद कुशवाहा ने इसमें से 85 डिसमिल जमीन को अपना बताया है।
कहा है कि उन्होंने इस जमीन को बकुलहर के हरिहर संस्कृत कॉलेज के सचिव महंथ रामानंद गिरि से अपनी पत्नी के नाम पर खरीदी थी और प्रशासन ने साजिश के तरत इसे बकुलहर मठ की जमीन बता कर इसका बासगीत पर्चा जारी कर दिया है। बतातें चलें कि बेतिया जिला अन्तर्गत चनपटिया थाना के बकुलहर गांव में मठ और संस्कृति कॉलेज स्थित है।
मुस्तफागंज बाजार पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह जमीन संस्कृत कॉलेज की है। न की मठ की। कॉलेज की कुल जमीन में से 85 डिसमील जमीन उन्होंने 23 जून 1981 को खरीदी थी। कॉलेज की प्रबंधकारिणी समिति ने प्रस्ताव पारित कर कॉलेज भवन की मरम्मत के लिए जमीन बेचने का अनुमोदन भी किया हुआ है। इसके आधार पर पश्चिम चंपारण की न्यायालय ने 14 मई 2005 को उनके पक्ष में फैसला दिया था। इसके बाद उनकी पत्नी के नाम पर जमीन का दाखिल खारिज हुआ था और रसीद काटी गई।
बयान
पूर्व विधायक ने मौजूदा विवाद के लिए सिवाईपट्टी के थानाध्यक्ष व मीनापुर के सीआई पर साजिश रचने का आरोप लगाया है। वहीं, सीओ सह प्रशिक्षु आईएएस वर्षा सिंह ने बताया कि मामला उनकी कोर्ट में विचाराधीन है। शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा।
यह है विवाद का कारण
वर्ष 2006 में मीनापुर अंचल प्रशासन ने बकुलहर मठ के 22 एकड़ जमीन पर 53 लोगों के नाम बासगीत पर्चा जारी किया था। पिछले दिनो पर्चाधारियों ने उक्त जमीन पर अपना तंबू खड़ा करके जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद से दोनों पक्ष में तनाव बना हुआ है। तनाव को देखते हुए सिवाईपट्टी पुलिस ने विवादित जमीन पर एक चौकीदार को तैनात कर दिया है।
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