खुशबू के लिए मुसीबत बना छोटा कद
छोटी बहन गयी पिया के घर, किंतु खुशबू को सारी जिंदगी गुजारना होगा बाबूल का घर, आर्थिक तंगी के कारण नही कर सकी मैट्रीक, पिता के लिए चिंता बनी बड़ी बिटिया
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मीनापुर। कद का छोटा होना लड़कियो के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है। घर ही नही समाजिक स्तर पर भी उसका उपहास उड़ाया जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि उसकी जिंदगी के साथ भी मजाक होता है। मीनापुर प्रखण्ड के मझौलिया गांव के मनोज चौधरी के 24 वर्षिय पुत्री खुशबू कुमारी के साथ प्रकृति ने क्रुर मजाक किया है। वह घूट घूट कर जी रही है। हर पिता का अरमान होता है कि जब उसकी बेटी सयानी हो जाये तो उसको डोली मे चढा कर विदा करे। लेकिन खुशबू की उम्र 24 साल हो गयी है। लेकिन उसकी कद महज डेढ फीट है। उसका कहीं से रिश्ता नही आया। पिता ने दो जगहो पर प्रयास भी किया। किंतु निगेटिव जबाब मिला। नतिजतन खुशबू के कुमारी रहते उसकी छोटी बहन संजना की डोली पिछले साल सजी। उसकी शादी कोलकत्ता मे हुई। वही खुशबू अपनी भाग्य को कोसती रह गयी। वह पुरे जिंदगी भर बाबुल के घर पर ही रहेगी। पिता मनोज चौधरी ताड़ी का कारोबार करते है। उन्हे दो पुत्र व दो पुत्री है। घर चलाने मे आर्थिक तंगी आंड़े आ रही है। नाटे कद की खुशबू पढने मे तेजतर्रार है। किंतु पैसे के अभाव मे नवम से आगे तक की पढाई नही कर सकी। छोटी बहन आठंवा तक ही पढ सकी। मनोज ने नीरा के लिए लाइसेंस हेतु आवेदन दिया। किंतु अब तक नीरा का लाइसेंस नही मिला। ताड़ी का कारोबार आजीविका का प्रमुख साधन है। ताड़ी की बिक्री पर रोक के बाद उसके परिवार पर आफत आ जायेगी। खुशबू को सरकारी सहायता के लिए कई बार प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाया। किंतु कोई सहायता नही मिला। बिहार शिक्षा परियोजना के जिला पदाधिकारी के खेल कार्यकारिणी सदस्य मो सदरूल खान ने कहा कि बच्ची को हर हाल मे न्याय दिलाया जायेगा। वह शीघ्र ही डीएम से मिलेंगे।
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