मुजफ्फरपुर। मझौलिया स्थित एक होटल में इंडियन डेंटल एसोसिएशन मुजफ्फरपुर इकाई की ओर से आयोजित शैक्षणिक कार्यक्रम सीडीई में दंत रोग विशेषज्ञों ने माना की तम्बाकू के साथ खराब खानपान व जीवन शैली में तनाव ओरल कैंसर का बड़ा कारक है। इससे पीड़ित अधिकांश मरीजों की केस हिस्ट्री से यह खुलाशा हुआ है।
विभिन्न अस्पतालों व जिलों से आए डॉक्टरों ने तंबाकू के कारण हो रही दांतों में गड़बड़ी और इसके निराकरण पर नए मेडिकल विज्ञान की खोज पर चर्चा की। बीएचयू के ओरल सर्जर डॉ. अखिल कुमार सिंह ने कहा कि तम्बाकू सेवन से दांत व जबड़े खराब हो जाते हैं। हालांकि कई आधुनिक तकनीक आ गई है जिससे इलाज संभव है। कहा कि कैंसर का कारक तम्बाकू को माना जा रहा है। लेकिन अब कई केस ऐसे कारण भी सामने आ रहे हैं जिनके अध्ययन से पता चलता है कि खराब खानपान व अनियमित दिनचर्या से भी यह खतरनाक बीमारी हो रही है। खाद्य पदार्थों, यहां तक हरी साग-सब्जियों में जिस केमिकल का प्रयोग हो रहा है, उससे भी कैंसर होने का खतरा बना रहता है।
पटना एम्स के दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलेश कुमार ने कहा कि एक विशेष प्रकार का सीटी स्कैन कर अति गंभीर दंत रोगियों का इलाज व सर्जरी संभव है। यह जानकारी आमलोगों के साथ दंत रोग विशेषज्ञों को भी होनी जरूरी है। रामा मेडिकल कॉलेज कानपुर के डॉ. अभिषेक सिद्धार्थ ने दांतों की बदबू व अन्य सामान्य समस्याओं व इसके इलाज की नई विधियों के बारे में बताया। मौके पर डॉ. गोविन्द प्रसाद, डॉ. कुमार मानवेन्द्र, डॉ. फिरोज आलम, डॉ. सुभाष कुमार, डॉ. पीयूष, डॉ. प्रियंका त्रिपाठी, डॉ. एस दमन, डॉ. नीतेश, डॉ. राहुल ने भी कई जानकारियां साझा की।
अध्यक्षता डॉ. शोभना चंद्रा ने की। संचालन डॉ. श्रीप्रकाश कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. कृष्ण कुमार ने किया। मौके पर काफी संख्या में दंत रोग विशेषज्ञ उपस्थित थे।
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