झारखंड बोर्ड के मैट्रिक तथा इंटर परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन को लेकर झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने परीक्षकों को राहत दी है। काउंसिल ने कहा है कि, 28 मई से जो परीक्षक मूल्यांकन केंद्र पर लॉकडाउन के कारण नहीं आ पाएंगे या जो दूसरे जिले में फंसे हैं और आने में परेशानी है, तो उन्हें इस कार्य से मुक्त रखा जाएगा।
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उनके ऊपर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। साथ ही, यह व्यवस्था लॉकडाउन के समाप्त होने तक लागू रहेगी। झारखंड एकेडमिक काउंसिल के सचिव महीप सिंह ने कहा कि, यह व्यवस्था लॉकडाउन के साथ-साथ तब तक लागू रहेगी जब तक एक जिले से दूसरे जिले के बीच परिवहन व्यवस्था प्रारंभ नहीं की जाती है। इस अवधि के दौरान जितने भी परीक्षक होंगे, उसी के अनुसार काम लिया जाएगा। कांउसिल ने मूल्यांकन की अवधि को 2 घंटे तक बढ़ाकर अधिक-से-अधिक कॉपियों के मूल्यांकन करने का फैसला लिया है। लेकिन, इसके लिए परीक्षकों पर किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाएगा। लेकिन, उन्हें कम-से-कम एक दिन में 30 कॉपियों का मूल्यांकन करना आवश्यक होगा।
गाइडलाइन के साथ शुरू होगा मूल्यांकन कार्य
मूल्यांकन का कार्य 11 गाइडलाइन के साथ कराने की जिम्मेदारी सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सौपी गई है। उन्हें स्पष्ट लिखित निर्देश दिया गया है कि, वे हर मूल्यांकन केंद्रो में इन गाइडलाइन को लागू करके ही मूल्यांकन का कार्य कराएं।
कॉपी जांचते वक़्त अभिभावक की तरह करें व्यवहार
कॉपी जांच करने के दौरान परीक्षकों को एक अभिभावक की भांति व्यवहार करने का निर्देश दिया गया है। काउंसिल ने कहा है कि, परीक्षकों को पहले ही इस संदर्भ में ट्रेनिंग दी जा चुकी है जिसमें कहा गया है कि, उन्हें स्टेप मार्किंग पर अधिक ध्यान देना है। बच्चों की छिपी प्रतिभा को समझने की कोशिश करनी है और उसी के आधार पर बच्चों की क्षमता का मूल्यांकन करना है।
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