कोरोना महामारी के खिलाफ जंग के साथ अब आत्मनिर्भर बनने का अभियान भी तेज हो गया है। साथ ही, चीन से आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश अपनी विशेष मुहिम में जुट गया है। स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस बात का संकेत दिया है। अब चीन द्वारा बनाए गए झालर, चाइनीज दियें आदि की जगह अब स्वदेशी सामानों का उपयोग किया जाएगा। इतना ही नहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स, इलेक्ट्रिकल सामान, रसायन, हैंडलूम, आदि सामानों के उत्पादन को इतना बढ़ाया जाएगा, ताकि इन सामानों को चीन से मंगाने की आवश्यकता न पड़े।
भारत, दुनिया से सामान व सेवाओं के आयात पर 514.07 बिलियन अमेरिकी डालर खर्च करता है। इसमें 13.67 प्रतिशत की हिस्सेदारी चीन से आए सामान की है। देश मुख्यत: इलेक्ट्रानिक्स गुड्स, न्यूक्लियर रिएक्टर, आर्गेनिक केमिकल, प्लास्टिक, फर्टीलाइजर, संचार उपकरण, कम्प्यूटर हार्डवेयर जैसे 50 तरह की वस्तुएं देश के बाहर से आयात करता है। इनमें से, लगभग 1 दर्जन सामान तो उत्तरप्रदेश में बनते हैं। अब, इनसे संबंधित अधिक से अधिक यूनिट खोलने के लिए सरकार व्यापक स्तर पर तैयारी कर रही है। बता दे कि, उत्तर प्रदेश मोबाइल कंपनियों का बड़ा हब है।
दक्षिण कोरिया तथा चीन की कई कंपनियां यहां पर मोबाइल निर्माण कर रही हैं। लेकिन, मोबाइल के बहुत से पुर्जें अभी भी चीन तथा अन्य देशों से मंगाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स, गुड्स केमिकल प्रॉडक्ट, चर्म उत्पाद, दवा निर्माण, एपीआई उत्पादन, धातु, कांच व टेक्सटाइल, सिल्क, कार्टन, साबुन, पॉलिस, क्रीम, लकड़ी का सामान आदि का उत्पादन पहले से ही हो रहा है। लेकिन, अब इसके उत्पादन को और बढ़ाया जाएगा, ताकि आयात निर्भरता को कम किया जा सके।
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.