मुजफ्फरपुर। बिहार के गांवों में आज भी महिला को डायन बता कर उसे प्रताड़ित करने की मानसिकता से ग्रामीण समाज बाहर क्यों नही निकल सका है? यह महज एक खबर नही, बल्कि बड़ा सवाल है। सवाल, व्यवस्था से है? सवाल, रहनुमाओ से भी है? समाज के इस बीमार मानसिकता को बनाए रखने वाले, दरअसल कौन लोग है? ऐस और भी कई सवाल है, जिसका जवाब तलाश किये बिना, इस कोढ़ से समाज को बाहर निकाल पाना मुश्किल है।
बहरहाल, मुजफ्फरपुर जिला के सिवाईपट्टी थाना के एक गांव से ऐसे ही एक खबर के प्रकाश में आना के बाद डायन को लेकर हमारे समाजिक सोच का सच सामने बा गया है। गांव के दबंगों ने डायन का आरोप लगा महिला की पिटाई कर दी। परिजनों ने उसे जख्मी हालत में एसकेएमसीएच में भर्ती कराया है। पीड़िता ने अहियापुर थाने में पुकार साह सहित पांच लोगों को आरोपित करते हुए बयान दर्ज करा दिया है।
जाहिर है कि अब पुलिस आरोपितो को गिरफ्तार करेगी या कुछ समय बाद समाजिक दबाव में मामले की लीपापोती कर दी जायेगी। कुछ रोज की खामोशी के बाद फिर से कोई महिला डायन बना दी जायेगी और यह सिलसिला चलता रहेगा। पुलिस अपना काम करेगी, मीडिया अपना काम करेगा और तकरीबन मृत हो चुकी हमारी सामुहिक व समाजिक संवेदना के बीच फिर कोई दबंग, किसी महिला को डायन बता कर अपना काम करता रहेगा। सवाल फिर वही, आखिरकार कब तक चलेता रहेगा यह…?
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