बिहार में आंधी-तूफान और वज्रपात से हुई कई जानें हादसे का शिकार

Weather Change in Bihar: Thunderstorm and Lightning Cause Multiple Deaths in Madhubani and Other Districts

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में मौसम में अचानक बदलाव आ गया है, जिसके कारण राज्य के कई जिलों में आंधी-तूफान और वज्रपात के साथ बारिश का सिलसिला जारी है। बुधवार को, भारी बारिश और तूफान के कारण मधुबनी और अन्य जिलों में भारी नुकसान हुआ। इस वज्रपात के कारण तीन लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक पिता और पुत्री शामिल हैं। यह घटना मधुबनी जिले के रुद्रपुर थाना क्षेत्र के अलपुरा गांव में हुई। इस लेख में हम बिहार में मौसम के बदलाव और उससे जुड़ी वज्रपात की घटनाओं पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि इन घटनाओं के बाद सरकार और समुदाय ने क्या कदम उठाए हैं।

मधुबनी जिले में वज्रपात से हुई मौतें

बिहार के मधुबनी जिले के अलपुरा गांव में वज्रपात की चपेट में आकर 62 वर्षीय मो. जाकिर और उनकी 18 वर्षीय पुत्री आयशा की मौत हो गई। यह दुखद घटना उस समय हुई जब मो. जाकिर और उनकी बेटी गेहूं की फसल को ढकने के लिए नहर के पास खेतों में जा रहे थे। जैसे ही वे नहर के पास पहुंचे, अचानक एक तेज वज्रपात हुआ, और दोनों बुरी तरह से झुलस गए। घटना स्थल पर ही उनकी मौत हो गई।

यह घटना परिवार के लिए एक बड़ी त्रासदी बन गई। मो. जाकिर और आयशा की मृत्यु ने उनके परिवार को शोक में डुबो दिया। इस हादसे के बाद गांव में मातम छा गया है और स्थानीय समुदाय इस घटना पर स्तब्ध है।

झंझारपुर में भी हुआ वज्रपात का कहर

दूसरी ओर, झंझारपुर प्रखंड के पिपरौलिया गांव में भी वज्रपात की चपेट में आने से 45 वर्षीय दुर्गा देवी की मौत हो गई। दुर्गा देवी, जो कि रमन कुमार महतो की पत्नी थीं, खेतों में काम कर रही थीं जब अचानक आकाशीय बिजली गिरी और वह इसकी चपेट में आ गईं। इस घटना के बाद, जिला परिषद सदस्य मोहम्मद रेजाउद्दीन ने मौके पर पहुंचकर मृतकों के परिवारों को हर संभव सरकारी सहायता देने का आश्वासन दिया।

मौसम के बदलाव और इसके प्रभाव

इस वर्ष के शुरुआत में बिहार में मौसम में बदलाव तेजी से देखने को मिला है। मार्च और अप्रैल माह के दौरान मौसम का यह बदलाव खासा प्रभावी रहा है। आंधी-तूफान और वज्रपात के साथ बारिश ने न केवल किसानों की फसल को नुकसान पहुँचाया है, बल्कि कई लोगों की जान भी ले ली है। वज्रपात का प्रकोप खासतौर पर उन क्षेत्रों में ज्यादा देखा जा रहा है जो खुले और कृषि कार्यों के लिए जाने जाते हैं।

मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दी थी कि बिहार में अगले कुछ दिनों तक मौसम में और बदलाव हो सकता है। आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश की संभावना को लेकर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई थी।

सरकारी सहायता और सुरक्षा उपाय

बिहार सरकार ने इस घटना के बाद मृतकों के परिवारों को वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने भी शोक व्यक्त करते हुए सरकार द्वारा हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि आगामी मौसम में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।

बिहार में वज्रपात से सुरक्षा के उपाय के तहत सरकार ने कुछ सुरक्षा उपायों की सलाह दी है, जैसे:

  1. आसमान में आंधी-तूफान की चेतावनी के दौरान किसी भी खुले स्थान पर न जाना।

  2. बिजली गिरने के दौरान किसानों को खुले खेतों में काम करने से बचने की सलाह दी गई है।

  3. घर के अंदर ही रहना और खिड़कियां बंद रखना।

  4. वज्रपात से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना और विद्युत उपकरणों से दूर रहना।

बिहार में वज्रपात की घटनाएं और इसके प्रभाव

वर्ष 2025 में बिहार में वज्रपात की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है, जिसके कारण किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को विशेष रूप से खतरा है। अब तक के आंकड़ों के अनुसार, पिछले सालों में वज्रपात से होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है। मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग लगातार इस पर काम कर रहे हैं ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।

मौसम विभाग की चेतावनी और भविष्य के उपाय

भारतीय मौसम विभाग (IMD) द्वारा राज्य में आंधी-तूफान और वज्रपात की चेतावनी जारी की गई है। बिहार के कई जिलों में अगले कुछ दिनों तक इसी प्रकार का मौसम जारी रह सकता है। इस दौरान, मौसम विभाग ने बताया है कि लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है और किसी भी प्रकार की खुले स्थानों पर कार्य करने से बचने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, कृषि कार्यों में भी सुरक्षा मानकों का पालन करने की आवश्यकता है।

बिहार में हाल ही में मौसम में बदलाव के कारण जो घटनाएं हुई हैं, उन्होंने यह साबित किया कि मौसम की चेतावनियों और सुरक्षा उपायों की जरूरत है। जहां एक ओर सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने मदद के लिए कदम उठाए हैं, वहीं दूसरी ओर लोगों को भी सतर्क रहने और मौसम में बदलाव से जुड़ी चेतावनियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

मौसम विभाग को आने वाले समय में और सख्त मौसम पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणालियों को लागू करने की जरूरत है, ताकि ऐसी वज्रपात जैसी घटनाओं को और भी कम किया जा सके।

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