KKN गुरुग्राम डेस्क | जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार शारीरिक रूप से थके हुए हैं और मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गए हैं, और उन्हें अब इस्तीफा दे देना चाहिए। उनका आरोप है कि नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति इतनी खराब हो गई है कि उन्हें अपने मंत्रियों के नाम तक याद नहीं रहते, जो कि मुख्यमंत्री के पद के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
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नीतीश कुमार के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सवाल
प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उन्हें अधिकारियों से जानकारी मिली है कि नीतीश कुमार की मानसिक हालत दिन-प्रतिदिन खराब हो रही है। किशोर का कहना था कि बिहार की शासन व्यवस्था में अब नीतीश कुमार की भूमिका एक गंभीर संकट में आ चुकी है, और उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि राज्य को एक सक्षम नेतृत्व मिल सके।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अगर एक नेता अपनी कैबिनेट के मंत्रियों के नाम नहीं याद रख सकता, तो यह साफ दर्शाता है कि वह पद के लिए मानसिक रूप से फिट नहीं है। उनका यह आरोप सीधे तौर पर भा.ज.पा. पर था कि उसने जानबूझकर एक ऐसे व्यक्ति को बिहार का मुख्यमंत्री बनाए रखा है जो मानसिक रूप से अस्वस्थ है।
वैशाली में प्रशांत किशोर का हमला
हाल ही में वैशाली जिले में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला था। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार “फिजिकल टायर्ड और मेंटली रिटायर्ड” हो चुके हैं। उन्होंने नीतीश कुमार को चुनौती दी कि वह अपने मंत्रियों के नाम बता दें। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिहार में बीजेपी ने मजाक बना रखा है, और यह एक मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना कर रखा गया है।
बीजेपी और नीतीश कुमार पर प्रशांत किशोर की आलोचना
प्रशांत किशोर ने बीजेपी पर भी हमला बोला और कहा कि यदि एक सैनिक को ड्यूटी के लिए मेडिकली फिट होना चाहिए, तो बिहार के मुख्यमंत्री के लिए यह और भी ज्यादा जरूरी है। उनका आरोप था कि बीजेपी ने बिहार के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है, क्योंकि एक बीमार मुख्यमंत्री को सत्ता में बनाए रखना राज्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
सुशील कुमार मोदी का बयान
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने पहले ही 2023 में नीतीश कुमार के स्वास्थ्य के बारे में चिंता जताई थी। उनके मुताबिक, तब से लेकर अब तक कई बार यह बात साबित हो चुकी है कि नीतीश कुमार मानसिक और शारीरिक रूप से दोनों ही अस्वस्थ हैं, और बीजेपी ने जानबूझकर उन्हें मुख्यमंत्री बनाए रखा है।
बिहार की राजनीतिक स्थिति
प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद बिहार की राजनीतिक स्थिति और भी जटिल हो गई है। किशोर ने अपनी राजनीतिक रणनीति को लेकर पहले भी कई बार अपनी ताकत दिखाई है, और अब वह नीतीश कुमार की आलोचना कर एक नई दिशा की ओर बढ़ रहे हैं। उनके बयान बिहार के आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं, जहां वे नेतृत्व परिवर्तन की बात कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर की नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग न केवल एक राजनीतिक बयान है, बल्कि यह बिहार में शासन व्यवस्था के लिए गंभीर चिंताओं को उजागर करता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नीतीश कुमार इस आलोचना को गंभीरता से लेते हैं और क्या भा.ज.पा. नेतृत्व इन आरोपों का जवाब देगा। बिहार के राजनीतिक भविष्य के लिए यह समय महत्वपूर्ण होने वाला है।
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