रक्तदान से टूटा मजहब की दीवार

संजय कुमार सिंह
मुजफ्फरपुर। मनियारी थाना क्षेत्र के पुरूषोत्तमपुर गांव के गृहरक्षक सह किसान जयनंदन सिंह के 34 वर्षीय पुत्र दीपक कुमार विगत सात वर्षों मे दस बार अलग-अलग जगहों पर रक्त दान कर युवाओं को नया संदेश दिया है। दीपक चार दिन पूर्व सदर अस्पताल में जिन्दगी और मौत के बीच जुझ रही चंदवारा के 40 वर्षीया रौशन आरा को अपनी रक्त दान से जिन्दगी बचाया।
फिलहाल, उसे पीजीआई लखनऊ रेफर किया गया है। परिवारजनों के लोगों ने दीपक के प्रति आभार प्रकट किया। दीपक ने बताया की आने वाले 11 नवंबर को मेरी शादी की 11वीं वर्षगाँठ है। उस तिथि को दीपक ने 11 वीं बार रक्त दान कर उस तिथि को यादगार बनाने का संकल्प लिया है। दीपक 2011 मे पहली बार एसकेएमसीएच मे एक दलित गर्भवती महिला को अपनी रक्त दान देकर उसकी जान बचाया था। इसके बाद उसने अपने पंचायत के चकमेहशी गाँव के रामप्रवेश राय की छह वर्षीया पुत्री को रक्त दान से नई जीवन दिया। इस बीच चंद्रशेखर आजाद, शुभाचंद्र बोस व गिरीराज सिंह के जयंती पर अलग -अलग शिविर मे रक्त दान करता रहा है।
कुछ दिन पूर्व गांव में रक्त दान शिविर लगाया गया, जिसमें दीपक ने रक्त दान किया। इस शिविर में कुल 74 लोगों ने रक्त दान दिया। रेडक्रॉस सोसायटी के द्वारा रक्त दान शिविर आयोजित की गई थी। मौके पर डीडीसी व बिहार मोटर फेडरेशन के अध्यक्ष भी मौजूद थे। दीपक ने लोगो से अपील की है कि हर युवा रक्त दान कर असहाय व मजबूर की मदद करें। कहा कि रक्त दान से शरीर में स्फूर्ति मिलती है। साथ ही रक्त चाप की शिकायत नही होती। दीपक को रेडक्रॉस व सदर अस्पताल से सटीफिकेट देकर सम्मान किया जा चुका है। इधर कुढ़नी बीडीओ हरिमोहन कुमार ने कहा ऐसे युवा हमारे समाज के प्रेरणाश्रोत है। इनके अच्छे प्रयासों के लिए सम्मानित किया जाएगा।

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