मासूम स्कूली छात्रो की आंखो में आज भी तैर रहा है वह दर्दनाक मंजर
मीनापुर। …अनिशा मेरी दोस्त थी। हम दोनो एक ही क्लाश में पढ़तें थे। घटना के रोज शनिवार को भी हम दोनो एक साथ ही बैठे थे। स्कूल में छुट्टी हुआ और वह दौड़ कर सड़क पार कर गयी। जबकि, हम सड़क के इसी पार खड़े रह गये। इतने में एक तेज रफ्तार बोलेरो आया और कोई कुछ समझ पाते, इससे पहले ही अनिशा सहित कई बच्चे खून से लथपथ सड़को पर इधर- उधर बिखरे पड़े, कराह रहे थे। यह कहतें हुए धरमपुर मध्य विद्यालय की छात्रा रंजना कुमारी की आबाज कांपने लगी और आंख से आंसू छलक पड़ा। बतातें चलें कि शनिवार की दर्दनाक सड़क हादसा में रंजना की दोस्त अनिशा की मौत हो चुकी है।
वर्ग सात की निशू कुमारी को आज भी याद है वह दर्दनाक मंजर। कहती है कि स्कूल में अभी छुट्टी हुआ ही था। घर जाने की जल्दी में बच्चे सड़क पार कर रहे थे। नीशू बताती है कि वह भी सड़क पार करने ही वाली थी, तभी अचानक तेज रफ्तार बोलेरो आया और सड़क किनारे खड़े एक के बाद एक बच्चो को कुचलते हुए सड़क किनारे गड्ढे में उतर कर एक पेंड़ से टकरा गया। इसके बाद तो सड़क पर चारो ओर तबाही ही तबाही फैला था। बच्चे खून से लथपथ कराह रहे थे। जो, जिन्दा बचे थे, वह जोर जोर से रोने लगे और थोड़ी देर में ही गांव के लोगो की भीड़ जमा हो गई।
घटना की प्रत्यक्षदर्शी छठा वर्ग की उषा कुमारी सदमे में हैं। हालांकि, वह बताती है कि स्कूल खुलेगा तो पढ़ने जरुर जायेंगे। किंतु, सड़क पार करते हुए पहले से अधिक सर्तक रहना होगा। पांचवां का छात्र शाहिल कुमार ने बताया कि मम्मी ने सड़क पर जाने से मना कर दिया है। घटना से बेहद डरा सहमा शाहिल कहता है कि मम्मी बोली है कि स्कूल खुलने के बाद किसी बड़े आदमी के सहारे सड़क पार करना है। यह कहतें हुए शाहिल की आंखों में खौफ दिखने लगता है।
घटना के समय वहां मौजूद पांचवा वर्ग की रीया और पहला वर्ग की अंतरा सहित धरमपुर के आधा दर्जन छात्र छात्राओं ने एक स्वर से बताया कि छुट्टी के बाद रोज की तरह घर जाने की जल्दी में बच्चे एनएच 77 सड़क पार कर चुके थे और कई सड़क पार करने ही वाले थे। इतने में एक बोलेरो काल बन आ गया और पल भर में ही उनके कई साथी सड़क पर ही छितरा गए। इन बच्चो को ठीक से अभी भी नही मालुम है कि कौन मर गया और कौन जिन्दा है?
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