पश्चिम यूपी में बढ़त लेने की जुगत में हो रही है राजनीति

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दिल्ली चाहिए तो यूपी फतह करना होगा। इन्हीं कारणो से 2022 का यूपी चुनाव सत्ता का सेमी फाइनल माना जा रहा है। लोगो में यूपी चुनाव को लेकर जबरदस्त दिलचस्पी है। ऐसा माना जाता है कि यूपी की सियासी समां में जाठलैंड का सितारा, दूर से चमकता हुआ दिखने लगा है। जाठलैंड, यानी पश्चिम उत्तर प्रदेश। मुजफ्फरनगर दंगा की वजह से वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में वहां बीजेपी को बढ़त मिल गई। इसके बाद बीजेपी ने पूरे यूपी में भगवा लहरा दिया। इस बार सपा इसी काम में लगी है। यहां किसान आंदोलन का सर्वाधिक असर है। तीन कृषि कानून वापिस लेने के बाद भी किसानो में सरकार के प्रति गुस्सा बरकरार है। राजनीति की दुनिया में इसको अंडर करेंट कहा जाता है। यह कई बार बैक फायर भी करता है। हालांकि, अभी यह तय होना बाकी है कि पश्चिम यूपी की राजनीति में क्या होगा। कहने का मतलब ये कि खेला होगा या ध्रुवीकरण। आज हम जाठलैंड के इसी अरंड करेंट यानी खेला को समझने की कोशिश करेंगे।

 

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