सुबह की शाही लीची शाम मे चख लेंगे महानगर के लोग
हवाई जहाज से मुम्बई,बैंगलोर,अहमदाबाद व दिल्ली भेजी गयी मीनापुर की लीची
संतोष कुमार गुप्ता
मुजफ्फरपुर। हमे छोड़ परदेश मत जइहा बालमा हो, मुजफ्फरपुर के लीचिया खिलइहा बालमा हो…..। रसभरी स्वाद के लिए फलो की रानी के नाम से देश ही नही विदेशो मे विख्यात मीनापुर की शाही लीची का खेप महानगरो मे पहुंचना शुरू हो गया है। किंतु इस बार सब कुछ अलग हट कर है। जीविका के दीदियो द्वारा सुबह मे तोड़ी गयी शाही लीची महानगर के लोग उसी दिन शाम मे चख सकते है। हालांकि अब भी बड़े पैमाने पर लीची की खेप ट्रक व ट्रेन से भेजी जा रही है.किंतु वहां पहुंचते पहुंचते लीची का स्वाद बेमजा हो जाता है। हालांकि मीनापुर के शाही लीची की धूम दिल्ली के आजादपुर मंडी तक ही सिमित थी। किंतु सोमवार से लीची का खेप देश के अन्य महानगरो मे पहुंचना शुरू हो गया है। मीनापुर जीविका से जुड़ी महिलाओ ने सोमवार को रघई,मिल्की,व नेकनामा गांव मे शाही लीची को तोड़ा.इसके लिए समूह की महिलाए साढे चार बजे भोर मे लीची की बगान मे पहुंच गयी। पांच बजे से लीची तुड़ाई की। नौ बजे तक लीची का पैक तैयार कर लिया। पहले दिन पचास पेटी लीची की तुड़ाई की। दस किलो लीची को एक पेटी मे डाला गया। साढे नौ बजे मे इसे पीक अप वैन पर डालकर पटना एयरपोर्ट के लिये रवाना कर दिया गया। दोपहर बाद लीची के खेप लेकर विमान उड़ भर गया। शाम होते होते यह लीची बंगलोर,अहमदाबाद,मुम्बई व दिल्ली पहुंच जायेगी। यह सिलसिला चलता रहेगा। मीनापुर मे लीची की खरीददारी व तुड़ाई समर्पण जीविका प्रोयूडसर बोंचहा की ओर से की जा रही है। इसमे जीविका की महिलाओ ने आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है। लीची के पेड़ पर चढने वाले दीदियो को तीन सौ व पैक करने वाले दीदियो को डेढ सौ रूपया पारिश्रमिक दिया जायेगा। साथ ही किसानो से उचित मूल्य पर पेड़ की खरीददारी की गयी है। साथ ही मुनाफे से इन्हे 70 प्रतिशत हिस्सा अलग से दिया जायेगा.पहले दिन रघई के गीता देवी के लीची बगान से 17 पेटी,मिल्की के सरस्वती देवी का 15 पेटी,नेकनामा के सावित्री देवी का 17 पेटी लीची को तोड़ महानगरो मे भेजा गया। मौके पर जीविका के बीपीएम सुधीर कुमार रॉय,अभिषेक श्रीवास्तव,कौशल किशोर प्रसाद,दीपक कुमार,टेक्नो सर्व से अनुप मिश्रा,राजश्री मिश्र आदि उपस्थित थे।
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