राजकिशोर प्रसाद
मुजफ्फरपुर। मीनापुर में सरकार व सत्ता पक्ष के लोग सुशासन की ढ़ोल पिटते नही थक रहे है। वही शराबबंदी से अपराधीकरण की खात्मा की दुहाई दी जा रही है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी की पीठ थपथपाई जा रही है। विरोधी खासकर बीजेपी की भूमिका हाल के दिनों में शिथिल हो गई है। इससे आम जनता यह सोच रही है कि क्या मीनापुर में सब कुछ ठीक ठाक है?
हकीकत इससे परे है। सवाल यह उठता है कि अगर सब कुछ ठीक ठाक है तो क्षेत्र से लेकर सरकारी दफ्तर तक जनता हंगामा क्यों कर रही है? आये दिन क्यों दफ्तरों में जनता को चक्कर कटनी पड़ती है। आये दिन प्रखंड, अंचल व थाना में फरियादियो की तादात क्यों बढ़ रही है? पुलिस पब्लिक की झड़प क्यों हो रही रही है? पुलिस की राइफल क्यों छिनी जाती है? सदन में कुर्सी क्यों तोड़ी जाती है? लोगो को राशन किराशन ठीक से नही मिलता है क्या?
स्कूल में पढ़ाई, बाबू लोगो को रिश्वत, दाखिल खारिज, आरटीपीएस, सरकार कार्यालयों में दलाली प्रथा, वृद्धापेंशन, इंदिरा आवास, सरकारी अनुदान सहित अन्य लाभकारी योजनाओ में सभी कुछ ठीक है क्या? नतीजा, जनता के एक बड़े तबके का प्रशासन से विश्वास उठने लगा है। जरूरत है जनता की दुःख दर्द समझने की उसके निदान की। विश्वास जितने की। तभी सब कुछ ठीक ठाक होगा।
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.