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लड़कियों ने साइकिल से नाप दी रास्ते

सात राज्यो का किया सफर

नई दिल्ली। कहतें हैं कि मंजिल उन्हें मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसले से उड़ान होती है। इस पंक्ति को सही साबित किया है बिहार की हर्षा कुमारी और झारखण्ड के जमशेदपुर की सावित्री मुर्मू ने।
एनसीसी की दोनों बहादुर लड़कियों ने ऑल इंडिया साईकिल एक्सपेडिशन में दो महीने के अंदर बिहार, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, पंजाब होते हुए दिल्ली तक का सफर पूरा किया। इनके हौसले में और जान डालने का काम किया रोडिक नाम की संस्था ने। जब हर्षा और सावित्रि ने सफर शुरु किया तो किसी को यकीन नहीं था कि ये मंजिल तक पहुंच पाएंगी, लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी।
दोनों लड़कियों को दिल्ली के वाईएमसीए ऑडिटोरियम में सम्मानित किया गया है। इस मौके पर रोडिक के चेयरमैन राजकुमार, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की अतिरिक्त उपयुक्त मीता सिंह, मेजर जनरल नीरज नालियां समेत कई गणमान्य मौजूद थे
आईपीएस बनने की चाह रखने वाली हर्षा और सावित्री कहती हैं कि हमें बुरा लगता है, जब लड़कियों को कोख में मार दिया जाता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का जीवन सिर्फ घर और रसोई तक सीमित नहीं है। महिलाएं अब चांद और एवरेस्ट तक पहुंच गई हैं। वो अपना रास्ता खुद चुन रही हैं।

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