साहित्य से ही होगी शिक्षा व संस्कार की वापसी : डॉ. रामविलास
संजय कुमार सिंह
मुजफ्फरपुर। वर्तमान समय की शिक्षा नीती से नैतिकता व संस्कार विलुप्त होती जा रही है। बेहतर साहित्य से इसी वापसी संभव है। ये बातें डॉ1 रामविलास ने कही। वे अमरख गांव में शिक्षा पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा आजादी की लड़ाई मे सेना व कवि दोनों की अपनी एक अटूट भूमिका रही।
आस्था फाउन्डेशन के तत्वावधान मे संस्कार ए किड्स गार्डेन का उद्घाटन
अमरख स्थित ट्रस्ट के प्रांगण में उद्घाटन करते हुए डॉ.उमेश कुमार राय ने विद्यालय की महत्ता पर अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही संजय सिंह ने शिक्षा की वर्तमान स्थिति पर समाज और सरकार की उदासीनता पर चिंता व्यक्त की। डॉ. नइम अंसारी, डॉ.उमेश कुमार, बिन्देश्वर प्रसाद विमल इत्यादि ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अपने-अपने विचार रखे।
राजद प्रदेश सचिव सह संस्थान के निदेशक सह ट्रस्ट संस्थापक नवेन्दु नवीन ने कहा कि शैक्षिक, सांस्कृतिक एवं सामजिक उत्थान को सफल बनाने के लिए अभिवावक को सजग होना पड़ेगा। सामाजिक क्रान्ति लाने के लिए हमें सरकार पर निर्भर नहीं रहना होगा। इस संस्था के माध्यम से हम समाज के सजग लोगों को एक जूट करने का प्रयास करेंगे। उर्दू कवि नाज़ ओजैर एवं हास्य कवि वैकुण्ठ ठाकुर ने कविता के माध्यम से शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। आचार्य प्रमोद झा, शम्भू प्रसाद गुप्ता एवं कमलेश शर्मा के साथ उपस्थित लोगों ने सर्वधर्म प्रार्थना की। तथा प्रमोद झा ने मंच का संचालन किया।
धन्यवाद ज्ञापन सेवा निवृत्त शिक्षक सह संरक्षक कलेश्वर कलाधर ने की। मौके पर शिक्षिका शमा प्रवीण, जया प्रियवादिनी, सोनी श्यामल, इंदु पुष्कर उपस्थित थे। मौके पर कई जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। गणमान्य लोगो में पंकज कुमार तरुण, अविनाश आनंद, डॉ.पंकज, कवि वैकुण्ठ ठाकुर, रविन्द्र कुमार पासवान, जय लाल महतो, सप्तान्शु सतीश, कमलेश कुमार कनक, गणेश पैटी, परमेश्वर पटवारी, सुजीत, प्रिन्स, प्रभान्शु, उमाशंकर चौधरी, विनोद दास, दीपक मिश्रा, मौजूद थे।
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