KKN गुरुग्राम डेस्क | ईद उल फितर एक खास त्योहार है, जिसे पूरी दुनिया के मुसलमान बड़े धूमधाम से मनाते हैं। यह त्योहार रमजान के महीने के अंत में चाँद देखने के बाद मनाया जाता है। इस दिन को “रोज़ा तोड़ने” का दिन कहा जाता है, और यह मुसलमानों के लिए न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत मायने रखता है। इस साल 2025 में, भारत और अन्य देशों में ईद उल फितर की खुशी और उत्सव की झलकियाँ देखने को मिलीं।
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ईद उल फितर का महत्व
ईद उल फितर का त्योहार मुस्लिम समुदाय के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। यह रमजान के महीने के दौरान उपवास रखने और भगवान के प्रति आस्था को प्रदर्शित करने के बाद मनाया जाता है। यह त्योहार एक नए चाँद के दिखने के बाद शुरू होता है, और इसके साथ ही मुसलमान अपने परिवार, मित्रों और समुदाय के साथ मिलकर इस खास दिन को मनाते हैं।
भारत में ईद उल फितर 2025 का उत्सव
भारत में इस साल ईद उल फितर का चाँद 30 मार्च, 2025 को दिखा, और इसके बाद 31 मार्च को देशभर में ईद का जश्न मनाया गया। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अन्य बड़े शहरों में लोग सुबह से ही मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा हुए, और फिर एक दूसरे से गले मिलकर “ईद मुबारक” कहा।
ईद का दिन विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठान और खुशी के लम्हों से भरा होता है। लोग मस्जिदों में ईद की नमाज अदा करते हैं और फिर पारंपरिक मिठाइयाँ जैसे खीर, सेवइयाँ और sheer korma तैयार करते हैं। इस दिन का महत्व केवल धार्मिक रूप से नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी बहुत है, क्योंकि यह बुराई से अच्छाई की ओर बढ़ने का प्रतीक होता है।
ईद की खूबसूरत तस्वीरें: भारत और दुनिया भर से
ईद उल फितर के अवसर पर आई कुछ खूबसूरत तस्वीरें इस दिन की अहमियत और जश्न को उजागर करती हैं। इन तस्वीरों में मुसलमानों के चेहरों पर दिखती खुशी, उनके द्वारा किए गए सामूहिक प्रार्थनाएँ और एक दूसरे से मिलकर की गई दुआएं नजर आती हैं।
1. दिल्ली की जामा मस्जिद में नमाज
भारत में, विशेष रूप से दिल्ली की जामा मस्जिद पर ईद के दिन का दृश्य बहुत ही खास होता है। यहाँ हर साल हजारों मुसलमान ईद की नमाज अदा करने के लिए आते हैं। इस वर्ष भी, दिल्ली की जामा मस्जिद में विभिन्न राज्यों से लोग आए और नमाज पढ़ने के बाद एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की शुभकामनाएँ दी।
2. ईद के दिन मिठाइयाँ और पारंपरिक पकवान
ईद का दिन मिठाइयों और स्वादिष्ट पकवानों से भरपूर होता है। इस दिन विशेष रूप से खीर, सेवइयाँ और शीर कोरमा जैसे मीठे पकवान बनते हैं, जिन्हें लोग परिवार और दोस्तों के साथ साझा करते हैं। यह न केवल खाने का हिस्सा होता है, बल्कि यह एकता और प्यार का प्रतीक भी है।
3. गले मिलकर बधाई देना और खुशियाँ साझा करना
ईद के दिन मुसलमान एक दूसरे से गले मिलकर बधाई देते हैं और पुराने गिले शिकवे दूर करते हैं। यह समय होता है जब लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशी के पल बिताते हैं। गले मिलकर बधाई देने का यह परंपरा आपसी प्रेम और सौहार्द का प्रतीक है।
4. गाजा में ईद की दुर्लभ तस्वीरें: संघर्ष के बावजूद उम्मीद की किरण
जहाँ एक ओर भारत और अन्य देशों में ईद धूमधाम से मनाई जा रही थी, वहीं गाजा में ईद के दृश्य थोड़े अलग थे। यहां लोग बर्बाद हुई मस्जिदों के बाहर नमाज अदा करते हुए नजर आए। ये तस्वीरें एक तरफ दुख और संघर्ष को दर्शाती हैं, वहीं दूसरी ओर मुसलमानों की उम्मीद और सहनशीलता का भी प्रतीक हैं।
5. बच्चों की खुशी: ईद का दिन और उनका उत्साह
ईद बच्चों के लिए विशेष रूप से खुशियों से भरा होता है। वे नए कपड़े पहनकर घरों में जाते हैं, एक-दूसरे से मिलते हैं और त्यौहार के माहौल में मस्ती करते हैं। दिल्ली की जामा मस्जिद में बच्चों का खेलते हुए, हंसते हुए और एक दूसरे से मिलते हुए चित्र देखने को मिले।
6. शांति और समृद्धि की दुआ: नमाज के बाद की प्रार्थना
ईद की नमाज के बाद, मुसलमान शांति और समृद्धि की दुआ करते हैं। यह दुआ न केवल व्यक्तिगत भलाई के लिए होती है, बल्कि समाज और दुनिया भर में शांति की कामना की जाती है।
दुनिया भर में ईद उल फितर के उत्सव
ईद का जश्न केवल मुस्लिम देशों में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में मनाया जाता है। न्यू यॉर्क, लंदन, दुबई, काहिरा और अन्य कई बड़े शहरों में मुस्लिम समुदाय ईद के दिन इकट्ठा होता है और अपने धर्म को मनाने के लिए नमाज पढ़ता है। यह त्योहार पूरी दुनिया में एकता और भाईचारे का प्रतीक बनकर सामने आता है।
ईद के दौरान चैरिटी का महत्व
ईद उल फितर के दौरान चैरिटी और गरीबों की मदद करना एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इस दिन मुसलमानों द्वारा जकात (चैरिटी) दी जाती है, ताकि वे लोग भी इस खुशी के मौके का हिस्सा बन सकें जिनके पास साधन नहीं होते। दुनिया भर में चैरिटी की कई पहलें चल रही हैं, जिनमें लोग फूड, कपड़े, और पैसे दान करते हैं, ताकि हर कोई इस त्योहार का आनंद ले सके।
संघर्ष के बीच ईद: उम्मीद की किरण
ईद उल फितर का त्योहार केवल खुशी का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह संघर्ष और कठिनाइयों के बावजूद उम्मीद और धैर्य की मिसाल भी है। ऐसे समय में जब कई क्षेत्रों में युद्ध और अशांति हो, जैसे कि सीरिया, अफगानिस्तान और फिलिस्तीन में, ईद मनाना एक तरह से मानवता की जीत का प्रतीक है। यह साबित करता है कि धर्म, एकता और शांति की कामना हर इंसान के दिल में होती है, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।
ईद उल फितर एक ऐसा पर्व है जो केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह मानवता, भाईचारे और शांति का संदेश देता है। यह पूरे विश्व में एकता का प्रतीक है, और यह हर साल हमें यह याद दिलाता है कि प्यार, सहयोग और एकता से ही दुनिया में शांति लाई जा सकती है।
इस साल की ईद उल फितर की तस्वीरों और उत्सवों ने हमें दिखाया कि चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों, इस त्योहार का जश्न और इसका महत्व कभी कम नहीं होता। ईद हर साल हमें अपने बीच प्यार, भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने का अवसर देता है।
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