KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार बुलेट ट्रेन परियोजना राज्य में परिवहन की दिशा को पूरी तरह से बदलने की योजना है। यह ट्रेन 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी और बिहार के पांच जिलों में 260 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनाए जाएंगे। नेशनल हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) द्वारा इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया गया है, और यह प्रोजेक्ट वाराणसी-पटना-हावड़ा हाईस्पीड रेल कॉरिडोर का हिस्सा है।
इस लेख में हम आपको बिहार बुलेट ट्रेन परियोजना के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिसमें ट्रैक निर्माण, भूमि अधिग्रहण और मुआवजा योजनाएं, और ट्रेन में उच्चतम सुविधाएं शामिल हैं।
बिहार बुलेट ट्रेन: ट्रैक निर्माण और विकास
बिहार बुलेट ट्रेन परियोजना राज्य में विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने का एक बड़ा कदम है। यह परियोजना वाराणसी, पटना, और हावड़ा जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का हिस्सा होगी, जिसकी कुल लंबाई 799.293 किलोमीटर होगी।
इस परियोजना के तहत, पटना, बक्सर, आरा, जहानाबाद, और गया में एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण किया जाएगा, जिससे बिहार के विभिन्न शहरों के बीच यात्रा अधिक तेज़ और सुगम होगी।
परियोजना के चरण: समयरेखा
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चरण 1: वाराणसी से हावड़ा तक, जिसमें आरा, बक्सर, पटना, और गया शामिल होंगे।
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चरण 2: दिल्ली से वाराणसी तक का ट्रैक निर्माण।
पटना में ट्रैक निर्माण
पटना में 60.9 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनेगा, जिसके लिए 135.06 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी। इससे पटना में उच्च गति वाली रेल यात्रा का नया दौर शुरू होगा। यह ट्रेन वाराणसी से हावड़ा तक की यात्रा को केवल 3-4 घंटे में पूरा करेगी, जो समय की बचत के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।
भूमि अधिग्रहण और मुआवजा योजना
पटना जिले में 58 गांवों की जमीन को चिन्हित किया गया है, और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इन गांवों के भूमि मालिकों को सर्किल रेट से चार गुना और शहरी क्षेत्र के भूमि मालिकों को दो गुना मुआवजा दिया जाएगा।
बुलेट ट्रेन में सुविधाएं
इस ट्रेन में स्वचालित दरवाजे, आरामदायक सीटें, सीसीटीवी कैमरे और वंदे भारत की तर्ज पर लजीज खाना जैसी सुविधाएं होंगी। यात्रियों के सफर को सुरक्षित और आरामदायक बनाने के लिए सभी बोगियों में पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।
बिहार बुलेट ट्रेन परियोजना परिवहन के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है जो राज्य की कनेक्टिविटी और आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगा। 350 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली यह ट्रेन बिहार को आधुनिक परिवहन नेटवर्क से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी।
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