अखबार का दफ्तर खबरो को सजाने और सवांरने के लिए होता है। दिन भर की घटनाक्रम यहां खबरो का रूप धारण करती है और इन्हीं खबरो को अखबार की शक्ल में हम और आप अगले रोज पूरे विश्वास के साथ पढ़तें हैं। पर, जब यहीं दफ्तर अय्याशी का अड्डा बन जाये तो खबरो का क्या हश्र होगा? हममें से किसी ने भी कल्पना नहीं की होगी। पर, यह सच है और आज हम इस सच से पर्दा उठाने जा रहें हैं।
प्रात: कमल का पटना दफ्तर
मामला बिहार की बहुचर्चित मुजफ्फरपुर सेल्टर होम के संचालक ब्रजेश ठाकुर के अखबार प्रात: कमल के पटना दफ्तर से जुड़ा है। सहबहआई की टीम ने जब अखबार के पटना दफ्तर में छापामारी की तो चौकाने वाला सच सामने आ गया। दफ्तर में आराम फरमाने को महंगे सोफे और कीमती बेड लगे थे। यहां किचेन से लेकर बेडरूम तक था। सीबीआई छापा के दौरान वहां ऐसा कुछ नहीं दिखा जिससे लगे कि वह अखबार का दफ्तर है। तलाशी के दौरान कमरों में ऐसे सामान मिले हैं जिससे पता चलता है कि ब्रजेश ने इसे अय्याशी का अड्डा बना रखा था।
आपत्तिजनक समान जब्त
बिहार की राजधानी पटना के पुराने संग्रहालय के सामने ब्रजेश ने आईआईबीएम के कैंपस में किराये पर जगह लेकर अपने अखबार प्रात: कमल का दफ्तर खोल रखा था। शुक्रवार को सीबीआई ने इस दफ्तर को भी खंगाला। ताज्जुब की बात ये कि यहां लिखने और पढ़ने का कोई भी सामान सीबीआई को नहीं मिला। बदले में ऐशो-आराम के सारे साधन यहां मौजूद थे। यहां से शक्तिवर्धक गोलियां, अश्लील फिल्मों की सीडी और दूसरे आपत्तिजनक सामान बरामद होते ही सीबीआई के अधिकारी समेत मीडिया जगत भी भौचक है। इसके अतिरिक्त यहां कई पहचान पत्र के साथ कुछ कागजात भी मिले हैं। इन कागजातो पर सूगे रसूखदार लोगों के नाम व पते लिखे हुएं हैं।
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