65 लाख ग्रामीणों को मिला संपत्ति कार्ड, स्वामित्व योजना के तहत बड़ा कदम

65 Lakh Villagers Receive Property Cards Under Svamitva Scheme, Unlocking Economic Potential

KKN गुरुग्राम डेस्क  |  ग्रामीण विकास और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण संपत्तियों को “मृत पूंजी से आर्थिक संपत्ति में बदलना है, जिससे ग्रामीण लोग अपने व्यवसाय, शिक्षा और अन्य जरूरतों के लिए आसानी से ऋण ले सकें।

स्वामित्व योजना की मुख्य बातें

  1. कवर किए गए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश: इस योजना के तहत छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में संपत्ति कार्ड वितरित किए गए।
  2. भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण98% से अधिक भूमि रिकॉर्ड डिजिटलीकृत हो चुके हैं, जिससे विवाद और भ्रष्टाचार में कमी आई है।
  3. आर्थिक लाभ:
    • संपत्ति कार्ड ऋण के लिए गारंटी के रूप में कार्य करते हैं।
    • ग्रामीण व्यवसाय और शिक्षा के अवसर बढ़े हैं।
    • यह योजना 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की क्षमता रखती है।

“मृत पूंजी” को आर्थिक संपत्ति में बदलना

प्रधानमंत्री ने बताया कि जिन जमीनों के पास कानूनी दस्तावेज नहीं होते, उन्हें अक्सर “मृत पूंजी” कहा जाता है क्योंकि उन्हें वित्तीय लाभ के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता। स्वामित्व योजना के तहत कानूनी अधिकार प्रदान करके इसे एक आर्थिक संपत्ति में बदल दिया गया है।

ग्रामीणों के लिए लाभ

  1. वित्तीय समावेशन: संपत्ति कार्ड के माध्यम से ऋण प्राप्त करना आसान हुआ।
  2. महिला सशक्तिकरण: कई राज्यों में संपत्ति कार्ड महिलाओं के नाम पर जारी किए जा रहे हैं।
  3. विवाद समाधान: भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण से भूमि विवादों में कमी आई है।

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