KKN गुरुग्राम डेस्क | बॉलीवुड की बेबाक अभिनेत्री कंगना रनौत ने हाल ही में अपनी फिल्म इमरजेंसी की रिलीज के बाद इसके निर्माण से जुड़ी कठिनाइयों और वित्तीय संघर्षों का खुलासा किया। 17 जनवरी 2025 को रिलीज हुई इस राजनीतिक ड्रामा फिल्म को बनाने के दौरान कंगना ने अपने घर को भी गिरवी रखा। फिल्म, जो 1975-77 के आपातकालीन दौर पर आधारित है, अपनी घोषणा (2022) के बाद से ही विवादों में घिरी रही और कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
फिल्म इमरजेंसी के निर्माण में वित्तीय संघर्ष
कंगना ने एक इंटरव्यू में बताया कि फिल्म के निर्माण के दौरान उन्हें गंभीर वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा।
“हां, मुझे वित्तीय दिक्कतों का सामना करना पड़ा,” कंगना ने स्वीकार किया।
“कई लोग पीछे हट गए। कोई भी इसे खरीदने को तैयार नहीं था। यहां तक कि कोई ओटीटी प्लेटफॉर्म भी इसे खरीदने के लिए तैयार नहीं था। मुझे अपनी फिल्म पूरी करने के लिए अपना घर गिरवी रखना पड़ा।”
यह खुलासा फिल्म उद्योग में स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं द्वारा सामना की जाने वाली कठिनाइयों को उजागर करता है, विशेषकर तब जब फिल्म का विषय संवेदनशील हो।
सेंसर बोर्ड और राजनीतिक विवाद
2022 में फिल्म की घोषणा के बाद से, इमरजेंसी को कई विवादों का सामना करना पड़ा।
- सेंसर बोर्ड की आपत्ति:
सेंसर बोर्ड ने ऐतिहासिक पात्रों और राजनीतिक घटनाओं के चित्रण पर सवाल उठाए, जिससे फिल्म के प्रमाणन में देरी हुई। - राजनीतिक और धार्मिक समूहों का विरोध:
कुछ समूहों ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की, इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया।
कंगना ने इन चुनौतियों का डटकर सामना किया और फिल्म को उसके मूल स्वरूप में बनाए रखा।
व्यक्तिगत बलिदान और संघर्ष
कंगना ने न केवल वित्तीय कठिनाइयों का सामना किया, बल्कि यह संघर्ष उनके व्यक्तिगत जीवन पर भी भारी पड़ा।
“मेरे पास कोई नहीं था जिससे मैं अपने दर्द के बारे में बात कर सकती।”
फिल्म को पूरा करने के लिए किए गए उनके बलिदान उनकी दृढ़ता और संकल्प का प्रमाण हैं।
कंगना पर लक्षित अभियान
कंगना ने यह भी बताया कि उन्हें लगातार व्यक्तिगत और पेशेवर स्तर पर निशाना बनाया गया।
“मेरे खिलाफ लोगों ने पीआर टीमों को हायर किया, ताकि मेरी छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके।”
“मुझे साइको, चुड़ैल और स्टॉकर कहकर निशाना बनाया गया। मेरे खिलाफ झूठे मुकदमे दायर किए गए। एक महिला के साथ इस तरह बात करना कोई कैसे सोच सकता है?”
कंगना का कहना है कि इन हमलों का उद्देश्य उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और उनके करियर को पटरी से उतारना था।
इमरजेंसी: एक ऐतिहासिक राजनीतिक ड्रामा
फिल्म इमरजेंसी, भारत के इतिहास के सबसे विवादास्पद राजनीतिक दौर पर आधारित है।
- कहानी:
यह फिल्म 1975-77 के आपातकालीन काल को दर्शाती है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। - भूमिका:
कंगना ने इस फिल्म में इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है, साथ ही निर्देशन और निर्माण का जिम्मा भी संभाला।
फिल्म पर दर्शकों की प्रतिक्रिया
फिल्म को रिलीज के बाद से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं।
प्रशंसा:
- कुछ दर्शकों ने फिल्म के वास्तविक और सटीक चित्रण की सराहना की।
- कंगना की अभिनय और निर्देशन को भी काफी प्रशंसा मिली।
आलोचना:
- आलोचकों ने कुछ ऐतिहासिक पात्रों के चित्रण को गहराई और प्रामाणिकता में कमी के लिए निशाना बनाया।
कंगना का फिल्म निर्माण में योगदान
इमरजेंसी केवल एक फिल्म नहीं है, बल्कि यह कंगना की संघर्ष और साहस की कहानी है।
- निर्माण के लिए संघर्ष:
कंगना ने अपने सपने को साकार करने के लिए वित्तीय और व्यक्तिगत बलिदान दिए। - महिला सशक्तिकरण का प्रतीक:
कंगना ने यह साबित किया कि अगर आप किसी चीज में विश्वास करते हैं, तो कोई भी कठिनाई आपको रोक नहीं सकती।
फिल्म का समाज और उद्योग पर प्रभाव
फिल्म इमरजेंसी ने न केवल एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक काल को चित्रित किया, बल्कि यह स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं के लिए एक प्रेरणा भी है।
- स्वतंत्र फिल्म निर्माण:
कंगना का यह प्रयास उन निर्माताओं के लिए एक प्रेरणा है, जो मुख्यधारा की बाधाओं के खिलाफ अपनी कहानियों को जीवंत बनाना चाहते हैं। - महत्वपूर्ण संवाद:
फिल्म ने राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा को बढ़ावा दिया।
इमरजेंसी सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि कंगना रनौत के साहस और उनके अडिग संकल्प का प्रतीक है। उनके बलिदानों और चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने न केवल अपनी फिल्म को पूरा किया, बल्कि भारतीय सिनेमा में एक नई ऊंचाई को छुआ।