40 सालो से भटकती आत्मा को लेने अस्पताल पहुंचे परिजन

​युवती के शरीर में प्रवेश कर आत्मा ने की बात

पंडित के साथ पहुंचे परिजनो ने घंटो की पूजा

आत्मा को मनाने के लिए परिजनो ने गाये गीत

संतोष कुमार गुप्ता

जयपुर। अंधविश्वास अब भी ग्रामीण इलाको के लोगो को जकड़ कर रखा है। डिजिटल क्रांति के दौर में जहां हम चांद पर पहुंच रहे है।वही अंधविश्वास हमारे आधुनिक दौर का सबसे बड़ा रोड़ा बनका जा रहा है। भारत जहां एक ओर डिजिटल इंडिया की तरफ कदम बढ़ा रहा है, वहीं आज भी ग्रामीण अंचल में रहने वाले लोगों के जेहन में अंधविश्वास जैसी पुरानी रीती-रिवाजों का बोलबाला है। राजस्थान के बूंदी के नैनवा अस्पताल में ऐसा ही नजारा एक बार फिर देखने को मिला, जहां अस्पताल से अपनों की आत्मा को लेने परिजन पहुंच गए। जानकारी के मुताबिक अस्पताल में आत्मा को मनाने का कई घंटो तक चला आयोजन लोगों के लिए कोतूहल का विषय बना रहा। परिजनों का कहना है की हमें लंबे समय से आत्मा परेशान कर रही हैं। जिससे आज पंडितजी के कहने पर जहां पर मौत हुई थी, वहीं से आत्मा को गांव ले जाने के लिए आए हैं।
युवती के शरीर में प्रवेशकर आत्मा ने की बात
परिजनों के अनुसार नैनवां टोडापोल पुराने चिकित्सालय में 40 वर्षो से एक आत्मा भटक रही है। परिजन उसको अपने साथ ले जाने के लिए आए हैं। सबने मिलकर चिकित्सालय परिसर में ही नीम के पेड़ के नीचे टोने-टोटके किए। पूजा की सामग्री रखकर महिलाओं ने पिता की आत्मा को मनाने के लिए गीत गाए। लोगों के अनुसार कुछ समय बाद एक युवती के शरीर में आत्मा ने प्रवेश कर परिजनों से बात की।
आत्मा ने बताया वह अब तक अस्पताल में ही है
दूगारी निवासी परिवार के मुखिया राधेश्याम गुर्जर ने बताया कि 40 वर्ष पूर्व उनके बड़े भाई घनश्याम गुर्जर की मौत हो गई थी। एक वर्ष पूर्व उनकी बहन लीला बाई के शरीर में प्रवेश कर आत्मा ने बताया कि वह 40 वर्षो से नैनवां के पुराने चिकित्सालय में भटक रही है। इस पर परिजन आत्मा को मनाने पहुंचे है। वर्तमान में पुराना चिकित्सालय ब्लॉक सीएसएचओ कार्यालय है।

 

अस्पताल में पहले भी किया जा चुका है टोटका
एक ओर आत्मा को लेने के लिए टोना टोटका किया जा रहा था,वहीं ब्लॉक सीएमएचओ के कर्मचारी यह नजारा देख कर चुप्पी साधे हुए थे। पुराने चिकित्सालय के पड़ोस में रहने वाली रामकन्या ने बताया कि यहा कई बार ऐसा नजारा देखने को मिलता है। एक आत्मा यहा सर्प के रूप में देखी गई थी। जिसको कुछ वर्षो बाद जजावर गांव के लोग लेने आए थे और उसे मनाकर अपने साथ ले गए।

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.