KKN गुरुग्राम डेस्क | उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा। यह बयान अखिलेश यादव द्वारा प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के बाद उनकी व्यवस्थाओं पर की गई आलोचना के जवाब में आया है। अखिलेश यादव ने बुजुर्ग तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर व्यवस्थाओं की मांग की थी। इसके जवाब में पाठक ने विश्वास और एकता पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही और कुंभ मेले की व्यवस्थाओं का बचाव किया।
ब्रजेश पाठक का बयान: ‘बेहतर देर से ही सही’
ANI से बात करते हुए ब्रजेश पाठक ने कहा, “बेहतर देर से ही सही। उन्होंने आज विश्वास की इस लहर को देखा।” उन्होंने महाकुंभ की व्यवस्थाओं को सराहा और अखिलेश यादव की आलोचना को खारिज करते हुए कहा, “सनातन सभी के लिए है। यहां की व्यवस्थाएं उत्कृष्ट हैं। उन्होंने खुद देखा कि दुनिया भर से लोग यहां आस्था और भक्ति के साथ एकत्रित होते हैं।”
उन्होंने अखिलेश यादव को “अनावश्यक टिप्पणियों” से बचने की सलाह दी और कहा कि महाकुंभ जैसे आयोजनों का उद्देश्य आस्था और एकता को बढ़ावा देना है, न कि आलोचना का मंच बनाना।
अखिलेश यादव ने व्यवस्थाओं को लेकर की आलोचना
त्रिवेणी संगम पर 11 पवित्र डुबकियां लगाने के बाद अखिलेश यादव ने महाकुंभ को आस्था और आध्यात्मिकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “यह आस्था का स्थान है, विभाजनकारी या नकारात्मक राजनीति का नहीं। जिस दिन मैंने हरिद्वार में डुबकी लगाई थी, वह एक उत्सव था, और आज यहां आकर मुझे वही अनुभव हुआ।”
हालांकि, यादव ने प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए कहा, “यह आयोजन खेल प्रतियोगिता की तरह नहीं होना चाहिए। बुजुर्ग श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सभी के लिए सुचारू अनुभव सुनिश्चित करने के लिए बेहतर प्रबंधन आवश्यक है।”
अमित शाह की आगामी प्रयागराज यात्रा
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को प्रयागराज का दौरा करेंगे, जो महाकुंभ 2025 की तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ब्रजेश पाठक ने शाह की यात्रा पर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, “हम अमित शाह जी का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं। उन्होंने देश के युवाओं को प्रेरित किया है और उत्तर प्रदेश के लोगों के प्रति अपार प्रेम दिखाया है। 25 करोड़ लोगों की ओर से मैं उनका धन्यवाद करता हूं।”
आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, अमित शाह सोमवार सुबह 11:25 बजे प्रयागराज पहुंचेंगे और त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे। उनकी यात्रा का कार्यक्रम इस प्रकार है:
- बड़े हनुमान जी मंदिर में पूजा-अर्चना
- अभयवट और जूनाअखाड़ा का दौरा, जहां वे संतों से मुलाकात करेंगे और उनके साथ भोजन करेंगे
- गुरु शरणानंद जी के आश्रम में यात्रा
- शृंगेरी, पुरी और द्वारका के शंकराचार्यों सहित प्रमुख धार्मिक नेताओं से भेंट
शाह की उपस्थिति न केवल महाकुंभ की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करेगी, बल्कि यह आयोजन की भव्यता को भी बढ़ाएगी।
महाकुंभ 2025: दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन
प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ 2025 जनवरी 13 से फरवरी 26 के बीच होगा। हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाला यह आयोजन सनातन धर्म की जड़ों में गहराई से जुड़ा हुआ है। इसे एक ज्योतिषीय संयोग के रूप में देखा जाता है, जो आध्यात्मिक शुद्धिकरण और भक्ति के लिए शुभ समय लाता है।
इस बार, महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को भी प्रदर्शित करता है।
महाकुंभ के मुख्य आकर्षण
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है; यह आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक एकता का उत्सव है। इसके कुछ मुख्य पहलू हैं:
- पवित्र स्नान: त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने से पापों का नाश और आत्मा की शुद्धि मानी जाती है।
- धार्मिक प्रवचन: प्रसिद्ध संत और आध्यात्मिक नेता प्रवचन और सत्संग आयोजित करते हैं।
- भव्य व्यवस्थाएं: सरकार विशाल भीड़ के प्रबंधन, सुरक्षा, और सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक योजना बनाती है।
- संस्कृतिक उत्सव: महाकुंभ भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रदर्शन करता है, जो दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करता है।
महाकुंभ 2025 के लिए तैयारियां
उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ 2025 को सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। 45 करोड़ श्रद्धालुओं की अपेक्षित संख्या को ध्यान में रखते हुए बड़े पैमाने पर प्रबंधन की आवश्यकता है।
तैयारियों की कुछ प्रमुख प्राथमिकताएं हैं:
- बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं: अखिलेश यादव द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को ध्यान में रखते हुए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
- सुधारित परिवहन: तीर्थयात्रियों के लिए सड़क और रेलवे कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जा रहा है।
- डिजिटल सेवाएं: वास्तविक समय में अपडेट, भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा अलर्ट के लिए तकनीक का उपयोग।
आस्था और राजनीति का संगम
महाकुंभ, जो पूरी तरह से आध्यात्मिक आयोजन है, अक्सर राजनीति और आस्था के संगम का प्रतीक बनता है। राजनीतिक नेता इस मंच का उपयोग जनता से जुड़ने और भारत की सांस्कृतिक धरोहर पर जोर देने के लिए करते हैं।
ब्रजेश पाठक की टिप्पणियां और अमित शाह की यात्रा दर्शाती है कि कैसे राजनीतिक नेतृत्व ऐसे आयोजनों के माध्यम से लोगों के साथ अपनी भागीदारी बढ़ाता है।
महाकुंभ 2025, प्रयागराज में आयोजित होने वाला, भारत की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक है। ब्रजेश पाठक और अखिलेश यादव जैसे नेताओं के विचारों के बावजूद, आयोजन का मुख्य उद्देश्य आस्था और एकता को बढ़ावा देना है।
अमित शाह की उपस्थिति और प्रशासनिक प्रयासों से यह आयोजन और भव्य होने की उम्मीद है। 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना के साथ, महाकुंभ 2025 न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी एक ऐतिहासिक अवसर होगा।
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