नई दिल्ली। जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारणी ने एनडीए के साथ मिल कर आगामी लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। हालांकि, कार्यकारणी ने इसके लिए आखिरी निर्णय लेने का अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौप दिया है।
दिल्ली में जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारणी की अहम बैठक में रविवार को तय हुआ कि सीटो के बंटबारे पर शीघ्र ही रास्ता निकाल लिया जायेगा। इससे पहले पार्टी के प्रवक्ताओं ने बिहार में सीटों को लेकर चल रही खींचतान की बातों को खारिज करते हुए कहा कि जदयू एनडीए में रहते हुए लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। पार्टी के महासचिव संजय कुमार झा ने पत्रकारों को बताया कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसके बारे में बाद में फैसला लिया जाएगा, लेकिन पार्टी राज्य में एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी और जीत हासिल करेगी।
इस बैठक में जेडीयू ने संसद में नागरिक संशोधन विधेयक पर बीजेपी का विरोध करने का फैसला लिया है। बता दें कि नागरिक संशोधन विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को छः वर्षों के प्रवास के बाद भारतीय नागरिकता के योग्य होने की अनुमति मिलती है। पार्टी ने कहा कि धर्म नागरिकता के लिए आधार नहीं हो सकता है।
इससे पहले शनिवार शाम को दिल्ली पहुंचते ही नीतीश कुमार ने बिहार भवन में पार्टी नेताओं के साथ मुलाकातें की। शाम छह बजे पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक शुरू हुई जिसमें कार्यकारिणी में पारित किए जाने वाले प्रस्ताव व चर्चा के अन्र्य बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया। जदयू बिहार के बाहर भी कई राज्यों में लोकसभा चुनाव लड़ेगी। चूंकि उसका भाजपा के साथ गठबंधन केवल बिहार तक ही सीमिति है ऐसे में पार्टी अन्य राज्यों में अकेले ही चुनाव लड़कर अपनी ताकत बढ़ाने के साथ राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी का दर्जा हासिल करने की कोशिश करेगी।
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