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जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा ने परोक्ष रूप से सर्वोच्च न्यायालय को धमकाया

कहा संवैधानिक दर्जा बदला तो जम्मू कश्मीर में तिरंगा का स्तित्व मिट जायेगा

जम्मू-कश्मीर। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर से विवादित बयान दिएं हैं। कहा कि यदि राज्य के लोगों को मिले विशेषाधिकारों में किसी तरह का बदलाव किया गया तो जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय तिरंगा को थामने वाला कोई नहीं मिलेगा। बतातें चलें कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35(ए) या‍नि धारा 370 पर सर्वोच्च न्यायालय में बहस चल रही है। यह अनुच्छेद राज्य विधानसभा के स्थायी निवासियों को परिभाषित करने और उन्हें विशेष अधिकार देने की शक्ति प्रदान करता है।
उन्होंने परोक्ष रूप से केन्द्र सरकार को हरकाते हुए कहा क्यों वे ऐसा कर रहे हैं? क्यों अनुच्छेद 35ए को चुनौती दी जा रही हैं? मुफ्ती यही नही रुकी और कहा कि मुझे बताने दें कि मेरी पार्टी और अन्य पार्टियां जो जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय ध्वज को हाथों में रखती हैं, मुझे यह कहने में तनिक भी संदेह नहीं है कि अगर इसमें कोई बदलाव किया गया तो जम्मू कश्मीर में कोई भी राष्ट्रीय तिरंगा को थामने वाला नहीं होगा।
गौरतलब है कि वर्ष 2014 में एक एनजीओ ने सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर कर अनुच्छेद 35 ए को निरस्त करने की मांग की थी। मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है। महबूबा ने कहा कि कश्मीर भारत की परिकल्पना है। उन्होंने याद किया कि कैसे विभाजन के दौरान मुस्लिम बहुल राज्य होने के बावजूद कश्मीर ने दो राष्ट्रों के सिद्धांत और धर्म के आधार पर विभाजनकारी बंटवारे का उल्लंन किया और भारत के साथ रहा।

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