KKN ब्यूरो। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस (Mohammad Yunus) ने खुलासा किया है कि भारत को शेख हसीना (Sheikh Hasina) के प्रत्यर्पण (extradition) के लिए औपचारिक पत्र भेजे गए थे, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया (official response) नहीं मिली है। यूनुस ने कहा कि हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध (crimes against humanity) का गंभीर आरोप है और उन्हें मुकदमे (trial) का सामना करना होगा।
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भारत से प्रत्यर्पण पर जवाब का इंतजार
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार (interim government) के मुख्य सलाहकार यूनुस ने बताया कि ढाका (Dhaka) ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत को औपचारिक पत्र (formal letter) भेजा था। लेकिन नई दिल्ली (New Delhi) से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यूनुस ने ब्रिटेन (UK) के एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए हसीना को बांग्लादेश की अदालत (Bangladesh court) का सामना करना पड़ेगा।
कैसे भारत पहुंचीं शेख हसीना?
पिछले साल 5 अगस्त को जब बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में बड़ा आंदोलन (student-led protest) हुआ, तब हसीना भारत भाग गई थीं। इस आंदोलन ने अवामी लीग (Awami League) के 16 साल के शासन (16-year rule) का अंत कर दिया था। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (International Crimes Tribunal – ICT) ने हसीना और कई पूर्व मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य व नागरिक अधिकारियों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में गिरफ्तारी वारंट (arrest warrant) जारी किए थे।
यूनुस का कड़ा बयान
मोहम्मद यूनुस ने साफ किया कि केवल शेख हसीना ही नहीं, बल्कि उनके परिवार (family members), सहयोगियों (associates) और सभी जुड़े लोगों के खिलाफ भी मुकदमा चलेगा। बांग्लादेश सरकार ने हसीना के खिलाफ दो गिरफ्तारी वारंट जारी (issued warrants) किए हैं। यूनुस का कहना है कि उन्होंने भारत को औपचारिक पत्र भेजा था, लेकिन कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई। भारत ने बांग्लादेश के उच्चायोग (High Commission) से कूटनीतिक संचार मिलने की पुष्टि (diplomatic communication) तो की थी, लेकिन इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी (comment) नहीं की।
हसीना के खिलाफ गंभीर आरोप
पूर्व प्रधानमंत्री हसीना पर सैकड़ों कार्यकर्ताओं के अपहरण (kidnapping), उत्पीड़न (harassment) और हत्या (murder) के लिए कथित तौर पर सुरक्षा बलों (security forces) और पुलिस (police) का उपयोग करने का आरोप है। हालांकि, हसीना इन आरोपों को खारिज (deny) करती हैं और कहती हैं कि उन्हें राजनीति के तहत निशाना (political targeting) बनाया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के अनुसार, हसीना के भारत भागने से पहले के दिनों में लगभग 1,400 लोग मारे गए थे। यूनुस ने 8 अगस्त को मुख्य सलाहकार का पदभार (assumed office) संभाला था। उन्होंने दावा किया कि हसीना सरकार (Hasina government) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (protests) के दौरान करीब 1,500 लोग मारे गए, जिनमें छात्र (students) और श्रमिक (workers) शामिल थे। साथ ही, 19,931 लोग घायल (injured) हुए थे।
क्या भारत हसीना को प्रत्यर्पित करेगा?
भारत की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान (official statement) नहीं आया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय (international community) भी इस मुद्दे पर नजर बनाए हुए है। देखना होगा कि भारत सरकार (Indian government) इस संवेदनशील मुद्दे (sensitive issue) पर क्या रुख अपनाती है।
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