भारत और रूस के बीच अंतरिक्ष, रेलवे और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में कुल आठ समझौते हुए हैं। यहां आपको बतातें चलें कि अमेरिका नहीं चाहता था कि भारत और रूस के बीच यह डील हो। अमेरिका भारत को धमकी भी दे चुका है। बावजूद इसके तमाम दबाव के बाद भी भारत ने रूस से यह डील करके साबित कर दिया है कि देश का फैसला अटल है और किसी ताकतवर देश का दबाव अब भारत के लिए कोई मायने नहीं रखता है।
Article Contents
रूस देगा वायु प्रतिरक्षा प्रणाली
भारत ने रूस से 5.43 बिलियन डॉलर यानि करीब 40 हजार करोड़ रूपये के पांच अत्याधुनिक एस-400 वायु प्रतिरक्षा प्रणाली को खरीदने के सौदे पर दस्तखत कर लिए है। इससे भारत की रक्षा प्रणाली और अत्याधुनिक होने की राह खुल गई है। इस समझौते पर प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए।
जानें क्या है वायु प्रतिरक्षा प्रणाली
दरअसल, एस-400 वायु प्रतिरक्षा प्रणाली है, जो दुश्मन के एयरक्राफ्ट को हवा में ही गिरा सकता है। एस-400 को रूस का सबसे अत्याधुनिक दूर की रेंज का जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है। यह दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। यह सिस्टम रूस के ही एस-300 का अपग्रेडेड वर्जन है। इस मिसाइल सिस्टम को अल्माज-आंते ने तैयार किया है, जो रूस में 2007 के बाद से ही सेवा में है। यह एक ही राउंड में 36 वार करने की क्षमता रखता है।
सकते में है पाकिस्तान
बतातें चलें कि भारत को अपने पड़ोसी देशों से खतरे का सामना करने के लिए इस रक्षा प्रणाली की बहुत दरकार थी। बताते चलें कि मौजूदा वक्त में पाकिस्तान के पास अपग्रेडेड एफ-16 से लैस 20 फाइटर स्क्वैड्रन्स हैं। इसके अलावा उसके पास चीन से मिले जे-17 भी बड़ी संख्या में हैं। पड़ोसी देश और प्रतिद्वंद्वी चीन के पास 1,700 फाइटर हैं, जिनमें 800 आधुनिक 4थे जेनरेशन का फाइटर हैं।
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.