पाकिस्तान ने भारत पर क्वेटा-पेशावर ट्रेन हमले का आरोप लगाया, बलूचिस्तान में सुरक्षा संकट गहराया

Pakistan Accuses India of Involvement in Quetta-Peshawar Train Attack: A Deepening Crisis in Balochistan

KKN गुरुग्राम डेस्क |  पाकिस्तान ने हाल ही में क्वेटा-पेशावर ट्रेन पर हुए खतरनाक हमले के बाद भारत पर आतंकवाद के आरोप लगाए हैं। इस हमले के बाद भारत ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए पाकिस्तान को सलाह दी है कि वह उंगलियां उठाने के बजाय अपनी आंतरिक समस्याओं पर ध्यान दे। पाकिस्तान का दावा है कि इस हमले में 21 यात्री बंधक बनाए गए थे और कम से कम 33 बलूच विद्रोही मारे गए हैं। हालांकि, यह घटना बलूचिस्तान में जारी तनाव को और बढ़ाने वाली साबित हो सकती है।

बलूचिस्तान में पाकिस्तान का नया सुरक्षा प्लान: एक बड़े सैन्य अभियान की तैयारी

क्वेटा-पेशावर ट्रेन पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में बदलाव की योजना बनाई है। पाकिस्तान अब बलूचिस्तान में सक्रिय बलूच स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ एक नया सुरक्षा अभियान शुरू करने की योजना बना रहा है, जिसे ‘नेशनल एक्शन प्लान (NAP) पार्ट-2’ के रूप में जाना जा रहा है। इस प्लान के तहत बलूचिस्तान में एक बड़ा सैन्य अभियान चलाने की संभावना जताई जा रही है। पाकिस्तान की सेना इसे बलूच विद्रोहियों के खिलाफ एक निर्णायक कदम मानती है।

पाकिस्तानी पत्रकार कमरान यूसुफ ने अपने वीडियो ब्लॉग में बताया कि पाकिस्तान की सेना इस नई रणनीति को लागू करने की योजना बना रही है। इसके अंतर्गत बलूचिस्तान में बड़ा सैन्य ऑपरेशन हो सकता है। उनका कहना है कि पहला ‘नेशनल एक्शन प्लान’ 2014 में पेशावर सैनिक स्कूल पर हुए हमले के बाद लागू किया गया था, और अब दूसरे हिस्से के तहत एक बड़ा कदम उठाया जा सकता है।

अफगानिस्तान पर आरोप और इसका कूटनीतिक असर

पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि इस हमले के पीछे अफगानिस्तान का हाथ था, क्योंकि हमलावर अफगान हैंडलर्स से लगातार संपर्क में थे। हालांकि, अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के इस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया। अफगान तालिबान ने कहा कि बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के लड़ाके अफगानिस्तान की ज़मीन पर नहीं हैं। अफगान सरकार ने पाकिस्तान के आरोपों को आधारहीन बताते हुए इसका विरोध किया।

हालांकि, पाकिस्तान के मीडिया में यह चर्चा हो रही है कि BLA जैसे संगठन बिना बाहरी मदद के ऐसे हमले को अंजाम नहीं दे सकते हैं। और पाकिस्तान का मानना है कि भारत इस तरह के ऑपरेशनों में मदद कर सकता है।

भारत पर आरोप और पाकिस्तानी मीडिया का रवैया

पाकिस्तानी सेना और मीडिया ने भारत पर कई आरोप लगाए हैं। पाकिस्तान के पत्रकारों ने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय मीडिया ने बलूचिस्तान में हुए आतंकवादी हमले की रिपोर्टिंग पहले ही कर दी थी, जिससे यह प्रतीत हुआ कि भारत को इस हमले की जानकारी पहले से थी। पाकिस्तान के सेना के मीडिया विंग ने इस संदर्भ में कुलभूषण जाधव के इकबालिया बयान, मेजर गौरव आर्या के ट्वीट और अजीत डोभाल के पुराने वीडियो को सबूत के रूप में पेश किया है।

पाकिस्तानी सेना ने मेजर गौरव आर्या का एक ट्वीट भी दिखाया जिसमें उन्होंने कहा था, “बलूचिस्तान में शांति का रास्ता कश्मीर में शांति से गुजरता है।” इस तरह के आरोपों से यह स्पष्ट हो रहा है कि पाकिस्तान अपनी नाकामी छिपाने के लिए भारत पर आरोप लगाने की कोशिश कर रहा है।

बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सख्त कार्रवाई की संभावना

किसी भी समय पाकिस्तान की सेना बलूचिस्तान में ‘ऑल-आउट ऑपरेशन’ शुरू कर सकती है। यह ऑपरेशन बहुत ही हिंसक और व्यापक हो सकता है, जिसमें हजारों नागरिकों के मारे जाने का डर है। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य बलूच विद्रोहियों को नष्ट करना और अफगान नागरिकों को पाकिस्तान से बाहर निकालना है।

इसके अलावा, पाकिस्तान की एयरफोर्स अफगानिस्तान में भी हवाई हमले कर सकती है, क्योंकि पाकिस्तान का कहना है कि अफगान नागरिक भी इन हमलों में मदद कर रहे हैं। ये कदम अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्तों को और खराब कर सकते हैं, जो पहले ही सीमा विवाद और राजनीतिक तनाव से प्रभावित हैं।

नागरिकों की सुरक्षा और अधिकारों पर असर

बलूचिस्तान में पाकिस्तान के सैन्य अभियान से स्थानीय नागरिकों के लिए संकट बढ़ सकता है। पहले भी पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान में नागरिकों पर बमबारी की है, और अगर यह नया ऑपरेशन शुरू होता है, तो एक बार फिर नागरिकों की जान को खतरा हो सकता है। मानवाधिकार संगठन पहले ही इस बात पर चिंता व्यक्त कर चुके हैं कि पाकिस्तान की सेना बलूच नागरिकों के खिलाफ अत्याचार कर सकती है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और कूटनीतिक तनाव

पाकिस्तान के आरोपों और सैन्य कार्रवाई की योजना से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ रही है। भारत ने इन आरोपों का खंडन किया है, और यह स्पष्ट किया है कि उसका कोई हाथ इस हमले में नहीं है। दूसरी तरफ, अफगानिस्तान के तालिबान ने पाकिस्तान के आरोपों को नकारते हुए कहा कि इस घटना में उनका कोई हाथ नहीं है।

भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव और बढ़ सकता है, क्योंकि दोनों देशों के बीच पहले ही सीमा विवाद और आतंकवाद पर आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। अफगानिस्तान के साथ भी पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण हो सकते हैं, क्योंकि यह आरोप अफगान नागरिकों की संलिप्तता पर केंद्रित हैं।

पाकिस्तान की अंदरूनी सुरक्षा स्थिति

पाकिस्तान के भीतर बलूचिस्तान जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ती अस्थिरता के कारण देश के सुरक्षा हालात बिगड़ रहे हैं। पाकिस्तान की सरकार और सेना के लिए यह स्थिति बड़ी चुनौती बन गई है। जबकि पाकिस्तान राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर बलूच विद्रोहियों और अफगान नागरिकों पर कार्रवाई की योजना बना रहा है, यह कदम स्थिति को और जटिल बना सकता है।

क्वेटा-पेशावर ट्रेन हमले के बाद पाकिस्तान का भारत पर आरोप और बलूचिस्तान में सैनिक कार्रवाई की योजना इस बात का संकेत है कि दक्षिण एशिया में स्थिति और खराब हो सकती है। पाकिस्तान का यह कदम न केवल भारत और अफगानिस्तान के साथ रिश्तों को और तनावपूर्ण बना सकता है, बल्कि बलूचिस्तान में एक नई हिंसा की लहर भी शुरू कर सकता है। इस सबके बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें इस क्षेत्र की सुरक्षा और कूटनीतिक हल पर हैं।

इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ है कि बलूचिस्तान में हालात काफी नाजुक हैं, और पाकिस्तान के सैन्य प्रयासों से स्थिति और बिगड़ सकती है। हालांकि, यह देखने वाली बात होगी कि पाकिस्तान की सेना और सरकार कैसे इस संकट से निपटती है, और क्या यह नए संघर्ष का कारण बनेगा।

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