भारत के द्वारा पाक कैदी की रिहाई पर रोक जायज

राजकिशोर प्रसाद

पाक की बार बार बर्बरता की कार्रवाई भारत के प्रति कोई नई   बात नही है। वह सबरजीत की तरह कुलभूषण को भी मौत देना चाहती है। आंतकवाद को पनाह देने के जिल्लत से झल्लाये पाकिस्तान हर सिमा लांघती जा रही है। भारत की सहिष्णुता की परीक्षा की हद हो गई। दुनिया की शायद ही कोई ऐसा देश होगा जो भारत जैसा सहिष्णुता अपनाता होगा। बार बार चेतावनी के बावजूद पाक अपनी गलत हरकत से बाज नही आ रहा। कुलभूषण जाधव के साथ नही पाक भारत के साथ घिनौनी हरकत कर रही है। जाधव के साथ न्याय नही किया। यहाँ तक की उसे वकील तक नही मिली। झूठे आरोप लगाये। जाधव भारत के नौ सेना अधिकारी थे। वह ईरान में व्यापार कर रहा था। इसी क्रम में वह पाकिस्तान जा रहा कि रास्ते में उसे गिरफ्तार कर ली गई। उस पर रॉ के एजेंट सहित कई झूठे गम्भीर आरोप लगाते हुये गुप्त तरीके से पाक की सैन्य अदालत ने फाँसी की सजा दे दी। इस पर आयी खबर से भारत बौखलाना लाजमी है। विदेश सचिव एस जयशंकर ने तुरन्त पाक उच्चायुक्त को तलब कर अपनी मंशा बता दी और इसे सुनियोजित हत्या की संज्ञा दे डाली। साथ ही अपनी कड़ी त्वरित करवाई की फरमान बता दी की हम भी पाक की 11 कैदी की रिहाई नही करेगे। साथ   गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दो टूक जबाव दी है। पाक  स्थित भारतीय उच्चायुक्त 25 मार्च से 31 मार्च तक 13 बार जाधव से मिलने की आग्रह पाक से की किन्तु नही सुनी गई। जाधव के खिलाफ पाक के पास कोई ठोस साबुत भी नही है। सबूत के तौर पर पाक ने जो वीडियो पेश किये वह सत्यता से परे है। एस जयशंकर ने अपनी नाखुस भरे पत्र में कहा है कि जाधव को पाकिस्तान नही ईरान में पकड़ा गया। न्याय प्रक्रिया का सही ढंग से पालन नही किया गया। हालांकि पाक सीनेट ने न्याय प्रक्रिया को सही ठहराया है। अब भारत को पाक के प्रति ठोस कार्रवाई की जरूरत है। लाख चेतावनी के बाद भी पाक अपनी ओछी व घिनौनी हरकतो से बाज नही आ रही है। अब भारत का सब्र जबाव दे रही है। अब जरूरत है ठोस व कठोर पहल की ताकि उसे ओछी हरकत का वाजिव सजा मिले और हमारा जाधव वतन लौटे। अगर समय रहते ठोस कदम नही उठाई गई तो कही सबरजीत की तरह जाधव को भी भारत गवा देगा।

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.