KKN गुरुग्राम डेस्क | महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को नागपुर में हुई साम्प्रदायिक हिंसा को एक पूर्व-निर्धारित साजिश करार दिया। फडणवीस ने कहा कि इस हिंसा में विशेष रूप से कुछ घरों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया था। हिंसा के बाद नागपुर में स्थिति बिगड़ने के कारण कई इलाकों में कर्फ्यू भी लगाया गया। इस हिंसा में कम से कम 12 पुलिसकर्मी, जिनमें तीन डिप्टी कमिशनर ऑफ पुलिस (DCP) भी शामिल हैं, घायल हुए हैं।
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नागपुर हिंसा: क्या हुआ?
सोमवार रात को नागपुर में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद हिंसा भड़क उठी। यह हिंसा औरंगजेब के मकबरे को लेकर शुरू हुई थी। विरोध प्रदर्शन के दौरान कई घरों, गाड़ियों और अन्य संपत्तियों को नुकसान हुआ। हिंसा के दौरान पत्थरबाजी और पेट्रोल बम फेंके जाने की खबरें भी सामने आईं। इस हिंसा ने पूरे शहर में आतंक फैला दिया, जिसके बाद राज्य सरकार ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कर्फ्यू लागू किया।
इस हिंसा में 12 पुलिसकर्मियों को चोटें आईं, जिनमें से तीन DCP स्तर के अधिकारी थे। एक सीनियर पुलिस अधिकारी को कुल्हाड़ी से हमला किया गया। इसके अलावा, 5 नागरिक भी घायल हुए हैं और उनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। इन घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने हिंसा पर कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है।
मुख्यमंत्री फडणवीस का बयान
नागपुर में हुई हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह हिंसा एक साजिश के तहत की गई थी। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने पुलिसकर्मियों पर जानबूझकर हमला किया और उनका उद्देश्य शहर में सामाजिक अशांति फैलाना था। फडणवीस ने बताया कि पुलिस को हमले के दौरान हथियारों और पत्थरों से लैस किया गया था, और यह सब पहले से तय योजना के तहत हुआ था।
फडणवीस ने कहा, “हमलावरों का इरादा कानून व्यवस्था को भंग करने का था। इसमें 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, और उनमें से तीन DCP अधिकारी भी शामिल हैं। इसके अलावा, पांच नागरिक भी घायल हुए हैं, जिनमें से एक को ICU में भर्ती किया गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी हमलावर को बख्शा नहीं जाएगा और राज्य सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
फडणवीस ने ‘छावा’ फिल्म को जिम्मेदार ठहराया
नागपुर में बढ़ते तनाव को देखते हुए, मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस हिंसा को ‘छावा’ फिल्म से जोड़ा और कहा कि फिल्म में औरंगजेब के खिलाफ उठाए गए सवालों ने लोगों के बीच गुस्सा पैदा किया। “छावा फिल्म ने औरंगजेब के खिलाफ गुस्से को भड़काया, लेकिन फिर भी महाराष्ट्र में शांति बनाए रखना जरूरी है,” फडणवीस ने कहा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर कोई कानून तोड़ेगा, तो चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मुस्लिम समुदाय से एक शिकायत भी प्राप्त की थी और उस पर कार्रवाई की जा रही है।
एकनाथ शिंदे का बयान
राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी नागपुर हिंसा को लेकर बयान दिया और इसे एक ‘साजिश’ करार दिया। शिंदे ने कहा कि यह हिंसा खास तौर पर एक समुदाय को लक्षित करने के उद्देश्य से की गई थी। उन्होंने कहा, “पुलिस यह जांच कर रही है कि यह घटना एक पूर्व-निर्धारित साजिश थी या नहीं। बहुत से लोग बाहर से आए थे और पेट्रोल बम भी फेंके गए थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस पर भी हमला किया गया।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी और हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। शिंदे ने नागरिकों से अपील की कि वे किसी भी कीमत पर दो समुदायों के बीच हिंसा को न बढ़ाएं और शांति बनाए रखें।
शिंदे ने औरंगजेब को लेकर विवादित बयान दिया
एकनाथ शिंदे ने औरंगजेब के बारे में भी विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, “औरंगजेब क्या था? क्या वह कोई संत था? उसने कभी अच्छे काम किए हैं? एक बार छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में पढ़ें और ‘छावा’ फिल्म देखें। उन्होंने संभाजी महाराज को 40 दिनों तक यातनाएं दीं। औरंगजेब एक गद्दार था। औरंगजेब का मकबरा महाराष्ट्र के लिए एक दाग है।” शिंदे ने कहा कि विरोध करने वाले लोग छत्रपति संभाजी महाराज की प्रतिष्ठा के लिए लड़ रहे थे।
नागपुर में कर्फ्यू और पुलिस की कार्रवाई
नागपुर में हिंसा को देखते हुए पुलिस ने कर्फ्यू लागू कर दिया है। कर्फ्यू का उद्देश्य और अधिक हिंसा को रोकना और स्थिति को शांत करना था। पुलिस ने कई इलाकों में बड़ी संख्या में तैनात की है और नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
राज्य सरकार ने भी लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के उकसावे का शिकार न हों और शांति बनाए रखें। फडणवीस और शिंदे दोनों ही नेताओं ने कहा कि वे किसी भी आरोपी को नहीं बख्शेंगे और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
राज्य सरकार का फैसला और आगे की दिशा
नागपुर में हुई हिंसा ने यह साफ कर दिया कि राज्य में किसी भी प्रकार की साम्प्रदायिक हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फडणवीस और शिंदे ने यह सुनिश्चित किया है कि पुलिस पूरी गंभीरता से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। इसके साथ ही, सरकार की ओर से शांति बनाए रखने और शहर में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
नागपुर हिंसा ने एक बार फिर यह दिखाया कि साम्प्रदायिक तनाव से स्थिति कितनी जल्दी बिगड़ सकती है। महाराष्ट्र सरकार का जवाब स्पष्ट है—किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और इस मामले में पुलिस जांच जारी रखे हुए है।
राज्य सरकार के नेतृत्व में नागपुर की स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। इस बीच, पुलिस और सरकार की कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि शांति बनाए रखना और कानून का पालन करवाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
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