मुजफ्फरपुर की काजल रे रचा इतिहास
मुजफ्फरपुर। स्त्री के मन का द्वंद हो या एहसास का रूहानी रिश्ता, भावनाओं को शब्दों में पिरोकर रखने वाली शहर की काजल ने पहली ही किताब से पाठकों के दिलों में जगह बना ली है। शहर की बेटी को उसकी पहली ही कविता संग्रह के लिए साहित्य सारथी सम्मान से नवाजा गया है। काजल भाटोलिया को यह सम्मान दिल्ली में 25 जून को मिला है। अघोरिया बाजार निवासी ओमप्रकाश जालान व कुसुम जालान की बेटी काजल कहती है कि बचपन से कविता लिखने का शौक था। बाद में यह शौक कब जुनून बन गया, पता ही नहीं चला। काजल ने रूह की आवाज और कश्ती में चांद कविता संग्रह लिखा, जिसे केजी पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया है। चैपमैन हाईस्कूल और एमडीडीएम से हिन्दी में ग्रेजुएट काजल की शादी बोकारो में हुई है। बाल विवाह, डायन जैसे कुरीतियों के खिलाफ काजल ने कई कविताएं लिखी हैं।
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