थियेटर संचालन के लिए नही मिली अनुमति
एसएसपी ने कहा-तम्बू उखाड़ो घर जाओ
संतोष कुमार गुप्ता
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सोनपुर। एशिया का सबसे बड़ा सोनपुर मेले मे इस बार बालाओ के ठुमके नही लगेंगे।शोभा सम्राट या गुलाब विकास थियेटर के नामचीन कालाकारो का जलवा इस बार देखने को नही मिलेगा।सीनीयर एसपी ने थियेटर संचालको को दो टूक कह दिया है कि वह अपना तम्बू उखाड़े और घर जाये।प्रशासन के इस हुक्म से हजारो संगितप्रेमियो मे निराशा का भाव है। विश्वविख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में प्रशासन द्वारा अबतक थियेटर संचालन की अनुमति नहीं देने से आक्रोशित सैकड़ों की संख्या में जुटी थियेटर की नर्तकियों ने मेला में पर्यटन विभाग के द्वारा बनाये गये मुख्य मंच के निकट उपस्थित होकर सारण जिला प्रशासन के विरुद्ध मंगलवार की संध्या प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी किया। कलाकारों और नर्तकियों का जत्था पर्यटन विभाग के नखास स्थित मुख्य पंडाल में पहुंच गया। इस दौरान नर्तकियों ने अभी तक थियेटरों का लाइसेंस निर्गत नहीं किये जाने का विरोध करती हुई सारण पुलिस अधीक्षक के रवैया के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एसपी हाय-हाय तथा थियेटरों का लाइसेंस जारी करो का नारा लगाते हुए धरना पर बैठ गयी।
जानकारी के मुताबिक उनलोगों ने लगातार सारण जिला प्रशासन के विरुद्ध नारे बुलंद करती रही। कलाकारों ने बताया कि वे पिछले पांच दिनों से कला प्रदर्शन का इंतजार कर रही है। लेकिन जिला प्रशासन के तुगलकी फरमान की वजह से करोड़ो की लागत से खड़े किये गये इन थियेटरों में विरानी छायी हुई है। नर्तकियों का कहना था कि अगर ऐसा ही था तो आरंभ में ही यह ऐलान किया जाना चाहिए था कि इस वर्ष सोनपुर मेले में थियेटर नहीं चलेंगे। तब हम कलाकारों को दिल्ली, मुंबई, कानपुर, लखनऊ, कोलकाता आदि से यहां आने की जरूरत नहीं थी। किंतु यहां पहुंचने के बाद तरह-तरह का बहाना प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों के द्वारा करके प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही है जो न्याय संगत नहीं है। बहरहाल रात मे गुलजार रहने वाला सोनपुर मेला दस बजे रात के बाद उजाड़ नजर आने लगा है।
डीएम हरिहर प्रसाद ने कहा कि थियेटर संचालन पर रोक की बात नहीं है। किन्तु स्वच्छ रूप से प्रदर्शन पर ही अनुमति दी जायेगी। दूसरी तरफ नर्तकियों द्वारा प्रदर्शन किये जाने पर एसपी हरकिशोर राय ने कहा कि थियेटर वालों द्वारा अश्लील पोस्टर लगाया गया था इसलिये कार्रवाई की गयी है। बताते चलें कि इस वर्ष मेले में कुल आठ थियेटर लगाए गए हैं जिसमें दिल्ली, यूपी, हरियाणा, महाराष्ट्र व बंगाल की एक हजार से ज्यादा कलाकार आए हुए हैं। इनका कहना है कि प्रशासन का यही रवैया रहा तो वे लोग रोजी रोटी कमाने के बदले मेले में आ कर भूखे मरने को मजबूर हो जाएंगे।
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