अमरूद मिले तो लड़का, भिंडी मिले तो लड़की

​इस मंदिर में सोने से मिलता है संतान सुख

संतोष कुमार गुप्ता

संतान के लिए इंसान क्या क्या नही करता। शादी के बाद अगर समय पर संतान नही हो महिला पर क्या क्या गुजरता है। यह वही बता सकती है। घर वाले उसके गोद मे संतान के लिए कहां कहां न जाते। डॉक्टर से लेकर तांत्रिक व नीमहकीम के यहां भी मत्था टेकते है। संतान नहीं होने का दर्द उन लोगों से पूछिए जिन्हें दर-दर की ठोकरे खाने के बाद भी निराशा ही मिलती है। एक बच्चे की चाह में लोग कई प्रकार के जतन करते है फिर भी किसी को औलाद का सुख नसीब होता है तो किसी को नहीं। संतान पाने के लिए लोगों की पहली आस्था का केंद्र भगवान का दर होता है जहां की बार मथा टेकते है मन्नते मांगते है। आज आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जहां जाने से संतान सुख मिल जाता है।

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सिमस गांव में माता सिमसा मंदिर दूर दूर तक प्रसिद्ध है। जहां मंदिर के फर्श पर सोने से नि:संतान महिलाओं की गोद भर जाती है। कहते हैं कि खुद देवी मां उनको सपनों में आकर संतान होने का आशीर्वाद देती है। इसलिए दूर-दूर से हजारों नि: संतान महिलाएं इस खास फर्श पर सोने के लिए मंदिर में आती हैं।

ये मंदिर संतानदेही और संतानदात्री के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां सलिन्दरा उत्सव नवरात्र मनाते हैं। जिसका अर्थ है सपने आना। इस दौरान महिलाएं दिन रात मंदिर के फर्श पर सोती हैं। कहते हैं कि ऐसा करने से वो जल्द प्रेग्नेंट हो जाती हैं। दावा किया जाता है कि देवी मां सपने में महिला को फल देती हैं तो उस महिला को संतान का आशीर्वाद मिल जाता है।

सिर्फ इतना ही नहीं फल देखकर लडक़ा या लडक़ी होने का पता भी चल जाता है। यदि किसी महिला को अमरुद का फल मिलता है तो उसे लडक़ा प्राप्त होने का आशीर्वाद मिलता है और अगर किसी को भिंडी प्राप्त होती है तो लडक़ी।

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.