जॉर्जिया को WHO ने मलेरिया मुक्त घोषित किया: दशकों की मेहनत का नतीजा

Georgia Achieves WHO Malaria-Free Certification After Decades of Effort

KKN गुरुग्राम डेस्क |  विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जॉर्जिया को औपचारिक रूप से मलेरिया मुक्त देश के रूप में प्रमाणित किया है। इस उपलब्धि के साथ, जॉर्जिया 45 अन्य देशों और एक क्षेत्र के साथ जुड़ गया है, जिन्होंने यह मील का पत्थर हासिल किया है। यह कदम वैश्विक स्तर पर मलेरिया उन्मूलन की दिशा में प्रगति को दर्शाता है।

मलेरिया से जूझता जॉर्जिया: एक लंबा इतिहास

जॉर्जिया में मलेरिया का इतिहास सदियों पुराना है। 20वीं सदी से पहले, मलेरिया परजीवी की तीन प्रजातियां—प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम, प्लाज्मोडियम मलेरिया, और प्लाज्मोडियम विवैक्स—यहां व्यापक रूप से फैली हुई थीं। 1920 के दशक में, देश की लगभग 30% आबादी मलेरिया से प्रभावित थी, जिसमें प्लाज्मोडियम विवैक्स सबसे आम प्रजाति थी।

WHO यूरोपीय क्षेत्र: मलेरिया मुक्त बनने की ओर एक और कदम

जॉर्जिया की इस सफलता के साथ, WHO यूरोपीय क्षेत्र में केवल तुर्की ऐसा देश बचा है जिसे अभी तक मलेरिया मुक्त प्रमाणन नहीं मिला है।

WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेसियस ने इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा, “जॉर्जिया के लोगों ने दशकों तक मलेरिया उन्मूलन के लिए कड़ी मेहनत की है। उनकी यह सफलता यह विश्वास दिलाती है कि एक मलेरिया मुक्त दुनिया संभव है।”

मलेरिया मुक्त प्रमाणन के लिए आवश्यकताएं

WHO के अनुसार, किसी देश को मलेरिया मुक्त प्रमाणन प्राप्त करने के लिए यह सिद्ध करना आवश्यक है कि कम से कम तीन वर्षों तक देश में स्थानीय मलेरिया संचरण पूरी तरह से बंद हो गया है।

दशकों की मेहनत और रणनीति

जॉर्जिया ने मलेरिया उन्मूलन के लिए अपने प्रयास 20वीं सदी की शुरुआत में शुरू किए।

  • 1940: बड़े पैमाने पर मच्छर नियंत्रण कार्यक्रमों के कारण मलेरिया मामलों में भारी कमी आई।
  • 1953: प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम का संचरण समाप्त।
  • 1960: प्लाज्मोडियम मलेरिया का उन्मूलन।
  • 1970: प्लाज्मोडियम विवैक्स का उन्मूलन।

हालांकि, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव और जनसंख्या विस्थापन के कारण मलेरिया ने फिर से पैर पसारे।

2002 में मलेरिया का पुनः प्रकोप

2002 में जॉर्जिया में मलेरिया के 474 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद, देश ने मलेरिया उन्मूलन के लिए नए सिरे से कदम उठाए।

  • 2005: जॉर्जिया ने ताशकंद घोषणा पर हस्ताक्षर किए, जिसमें मलेरिया उन्मूलन के प्रति प्रतिबद्धता जताई गई।
  • 2009: देश ने स्थानीय मलेरिया मामलों की संख्या शून्य कर दी।
  • 2015: WHO यूरोपीय क्षेत्र के सभी 53 देशों ने स्थानीय मलेरिया मामलों की अनुपस्थिति की रिपोर्ट दी।

2024 में प्रमाणन प्रक्रिया

2024 में WHO ने जॉर्जिया के स्वास्थ्य ढांचे की गहन समीक्षा की। यह पाया गया कि देश की सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सेवाओं के बीच मजबूत सहयोग, राजनीतिक प्रतिबद्धता, और सतत निवेश ने मलेरिया मुक्त स्थिति को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

WHO यूरोपीय क्षेत्र की सफलता

WHO यूरोपीय क्षेत्रीय निदेशक हांस हेनरी पी. क्लूज ने कहा, “यह सफलता दिखाती है कि सतत निवेश, स्वास्थ्य कार्यबल की प्रतिबद्धता, और सभी मलेरिया मामलों के लिए समय पर उपचार और रोकथाम के प्रयास कैसे एक पूरे क्षेत्र को मलेरिया मुक्त बना सकते हैं।”

भविष्य की चुनौतियां और प्रतिबद्धता

जॉर्जिया ने 2017 में अश्गाबात स्टेटमेंट पर हस्ताक्षर किए, जिसमें मलेरिया मुक्त स्थिति को बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई गई। इस सफलता ने जॉर्जिया के स्वास्थ्य मंत्रालय को और अधिक आत्मविश्वास दिया है कि वे अन्य स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।

जॉर्जिया के स्वास्थ्य मंत्री मिकहेल सर्जवेलाद्ज़े ने कहा, “यह प्रमाणन हमारे स्वास्थ्य ढांचे की स्थिरता का प्रतीक है। इससे हमें अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी।”

जॉर्जिया की यह सफलता न केवल उसके लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा है। यह दिखाता है कि समर्पण, सतत प्रयास, और सही रणनीतियों से मलेरिया जैसे जानलेवा रोग को भी हराया जा सकता है।

अब केवल तुर्की ऐसा देश बचा है जिसे WHO यूरोपीय क्षेत्र में मलेरिया मुक्त प्रमाणन प्राप्त करना है। उम्मीद है कि जल्द ही यह क्षेत्र मलेरिया मुक्त घोषित किया जाएगा, जिससे यह दुनिया का पहला मलेरिया मुक्त क्षेत्र बन जाएगा।

मलेरिया मुक्त दुनिया के लिए जॉर्जिया का यह कदम एक मील का पत्थर है।

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply