प्रोटोकॉल का पालन करने वाले अस्पताल को अतिरिक्त आर्थिक मदद का ऐलान
नई दिल्ली। भारत के अस्पतालों में डिलीवरी के दौरान गर्भवती महिलाओ को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में या तो मां की जान को खतरा होता है या फिर बच्चे के जन्म के तुरंत बाद उसकी मौत होने की आशंका बनी रहती है। दरअसल, अस्पतालों में आज भी प्रसव के दौरान कई नियमों का पालन नहीं किया जाता है जिसकी वजह से डिलीवरी में इतनी दिक्कतें आती हैं।
लिहाजा, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए एक अच्छी पहल शुरू की है। मंत्रालय ने प्रसव कार्य में लगे डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को अतिरिक्त आर्थिक सम्मान देने का ऐलान किया है। लेकिन साथ में एक शर्त भी रखी है। इसके लिए मेडिकल टीम को कुछ बेंचमार्क्स पर खड़ा उतरना होगा। मां और नवजात के स्वास्थ्य के साथ कोई लापरवाही नहीं बरती गयी है, इसको सुनिश्चित करना होगा। इसके तहत अस्पतालों के लेबर रूम्स में सारे प्रोटोकॉल पूरे करने होंगे। ताकि डिलीवरी के दौरान मां और बच्चा दोनों स्वस्थ्य रह सके।
इस नियम के तहत अस्पताल में साफ-सफाई, स्टाफ की मौजूदगी और इंफेक्शन से बचाव का ध्यान रखा जायेगा। प्रसव के बाद मां को एक निजी कमरा देने, लेबर रूम में अपना क्यूबिकल रखने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करना अनिवार्य कर दिया गया है। अस्पताल के टेबल पर डिलीवरी को मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है। बच्चे के जन्म के बाद मां को किसी तरह का कोई मानसिक या आर्थिक तनाव, जैसे लड़का हुआ या लड़की इस बारे में किसी तरह की बहस पर रोक लगा दी गयी है। सूत्र बतातें हैं कि अगर मेडिकल टीम इन सारे क्राइटेरिया पर खड़ी उतरती है तो उन्हें आर्थिक रूप से सम्मानित किया जाएगा।
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