बिहार। राजधानी पटना के कदमकुआं इलाके में प्रतिबंधित ऑक्सीटॉसिन बनाने का एक कारखाना मिला है। यह इंजेक्शन मछुआटोली स्थित एक फैक्ट्री में बनता था। हालांकि फैक्ट्री मालिक का दावा है कि उसके पास औषधि प्रशासन का लाइसेंस है। बतातें चलें कि यह इंजेक्शन प्रसव के समय दिया जाता है। भारत सरकार ने 2014 में ऑक्सीटोसिन की बिक्री पर रोक लगा दी थी। खास करके दुधारू मवेशियों में इंजेक्शन देने पर प्रतिबंध है।
हालांकि, कुछ लोग ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन को मवेशियों में दूध उतारने के लिए अवैध रूप से इस्तेमाल करने लगे है। इसके अलावा फल और सब्जियों के अधिक उत्पादन के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे पदार्थों के सेवन से लोगों के शरीर में ऑक्सीटोसिन की मात्रा आ जाती है, जो काफी हानिकारक है।
पुलिस के द्वारा की गई आरंभिक छानबीन में पता चला है कि इंजेक्शन आसपास की किराना दुकान पर मिलता था। किराना और दवा दुकानों के अलावा खटालों में भी चोरी-छिपे इसकी सप्लाई की जाती थी। पुलिस ने करीब 15 लाख रुपए कीमत के 40 डिब्बे से अधिक इंजेक्शन बरामद किया है। बहरहाल, इंजेक्शन कहां-कहां और किसे दिया जाती है, इसकी भी छानबीन की जा रही है।
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