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भारत में कैंसर का इलाज किफायती कैसे बने

Making Cancer Care More Affordable in India

KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत ने कैंसर के इलाज के क्षेत्र में सरकार द्वारा चलाई गई विभिन्न पहलों के माध्यम से उल्लेखनीय प्रगति की है। पिछले केंद्रीय बजट में तीन आवश्यक कैंसर दवाओं पर सीमा शुल्क समाप्त करना एक महत्वपूर्ण कदम था। इसके बावजूद, कई परिवार अभी भी कैंसर उपचार के भारी खर्च का सामना कर रहे हैं।

आगामी केंद्रीय बजट 2025 इन चुनौतियों का समाधान करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में निवेश, घरेलू दवा निर्माण को बढ़ावा देना, और रोकथाम उपायों को सशक्त बनाकर, सरकार भारतीय परिवारों पर पड़ने वाले आर्थिक और भावनात्मक बोझ को कम कर सकती है।

कैंसर की आर्थिक और भावनात्मक लागत

कैंसर केवल जानलेवा बीमारी ही नहीं, बल्कि आर्थिक बोझ भी है। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में, सीमित गुणवत्ता वाली देखभाल के कारण इलाज की उच्च लागत कई परिवारों के लिए मुश्किलें बढ़ा देती है।

इन समस्याओं से निपटने के लिए कैंसर के इलाज को किफायती, सुलभ और समान बनाना बेहद जरूरी है। वित्तीय सहायता, शुरुआती हस्तक्षेप, और रोकथाम उपायों को प्राथमिकता देकर लाखों भारतीय परिवारों पर इस बीमारी का प्रभाव कम किया जा सकता है।

केंद्रीय बजट 2025 के लिए प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान

1. स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे का विस्तार

2. घरेलू दवा निर्माण को बढ़ावा

3. रोकथाम उपायों को मजबूत करें

4. यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (UHC) को बढ़ावा दें

5. सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सशक्त बनाएं

भविष्य का खाका

भारत में कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि के चलते, किफायती और सुलभ उपचार की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। केंद्रीय बजट 2025 भारत में कैंसर देखभाल के भविष्य को बेहतर बनाने का अवसर प्रदान करता है।

सरकार को लागत प्रभावी और समान समाधान तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए, जिससे इस स्वास्थ्य संकट को कम किया जा सके और लाखों परिवारों को कैंसर के वित्तीय और भावनात्मक तनाव से राहत मिले।

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