नई दिल्ली। बचपन से सुनते आये हैं कि शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले…। पर, आज यह जान कर आपको हैरानी होगी कि हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानी और शहीदे आजम के नाम से लोगो के दिल में अपनी गहरी पैठ रखने वाले भगत सिंह को आज तक सरकारी फाइलो में शहीद का दर्जा नही मिला। चौकाने वाली बात ये कि सुखदेव और राजगुरु को भी हमारी सरकार शहीद नही मानती है।
उनके परिजनो ने तीनो को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए आज से दिल्ली में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है। दरअसल, स्वतंत्रता संग्राम के हमारे वीर क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने 23 मार्च 1931 को देश की खातिर हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूम लिया था। लेकिन उन्हें आज तक सरकार की तरफ से शहीद का दर्जा नहीं दिया जाना चौका देता है।
साल 2013 में डाली गई एक आरटीआई में इस बात का खुलासा हुआ था कि केंद्र सरकार भगत सिंह को दस्तावेजों में शहीद नहीं मानती है। तब से भगत सिंह के वंशज भी शहीद भगत सिंह ब्रिगेड के बैनर तले भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को सरकारी रिकॉर्ड में शहीद घोषित करवाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। मामला संसद में भी उठ चुका है। लेकिन अब तक सरकार ने इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। बतातें चलें कि सितंबर 2016 में इसी मांग को लेकर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के वंशज जलियांवाला बाग से इंडिया गेट तक शहीद सम्मान जागृति यात्रा निकाल चुके हैं।
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